मैं करिश्मा.
एक ही दिन में मेरी ज़िंदगी में बहुत कुछ हुआ. सवा घंटे की पॉर्न सिनिमा देखते हुए मैने टीन नये लंड को सहलाया. सैंकड़ो लोगों के सामने एक लोड को चूसा, और उसका रस्स भी पिया.
घर आ कर पहले पति से, फिर बेटे से चुडवाया, और फाइनली रात में एक-दूसरे के सामने बाप-बेटे दोनो ने मुझे छोड़ा.
विनोद ने अपने बाप के सामने छोड़ा. लेकिन वो बिल्कुल ही नर्वस नही था. खूब जाम कर छोड़ा, और लंबी चुदाई की. मैं दोनो बाप-बेटे के बीच थी. दोनो मुझसे लिपट गये और हम तीनो सो गये.
सुबा मेरी नींद खुली तो देखा की बेडरूम में खिड़की से सुबा की धूप आ रही है. मैने समय देखा, तो सुबा के 6:30 हुए थे. अगाल-बगल नज़र दौड़ाई, तो हम तीनो नंगे थे. दोनो बाप-बेटा गहरी नींद में थे.
मैड 7:30 के आस-पास आ जाती थी. मैं बातरूम में जेया कर फ्रेश हुई, और हाउस गाउन पहन लिया. गाउन के सारे बटन्स बंद किए. फिर छाई बनाने के लिए पानी को बरनर पर चढ़ा कर बेडरूम में आई, और दोनो को उठाया.
मैं: विजय, विनोद जल्दी उठो, रेणु के आने का समय हो रहा है.
दोनो उठ गये. वो कुछ बोलते, उससे पहले मैं किचन में वापस आ गयी. पीछे दिन और रात में जो कुछ भी हुआ, वो सब मुझे बढ़िया से याद था. लेकिन मैं सर्टन नही थी, की बाप को मा और बेटे की चुदाई पसंद आई की नही.
थोड़ी देर बाद लिविंग रूम में हम तीनो छाई पी रहे है. मैने ही बात की शुरुआत की.
मैं: पिछली रात जो हुआ, वो बहुत ग़लत हुआ. मैं बहुत ही ज़्यादा शर्मिंदा हू. विजय, तुम मुझे घर से बाहर जाने बोलॉगे, तो मैं अभी घर छ्चोढ़ दूँगी.
थोड़ी देर दोनो चुप रहे. छाई का कप खाली करके विजय ने कप टेबल पर रखा. वो उठ कर मेरे पीछे खड़ा हो गया.
बिना कुछ बोले पति ने मेरे दोनो कंधो को पकड़ कर खड़ा कर दिया. हम दोनो मा-बेटे चुप थे. पीछे से ही दोनो हाथ आयेज बढ़ा कर पति ने गाउन के सारे बटन्स खोले, और गाउन नीचे गिर गया. मैं बेटे के सामने अब नंगी थी. बेटे के सामने पति पीछे से ही चूची और छूट को सहलाने लगे.
विजय: करिश्मा, मुझे बहुत ही बढ़िया लगा की तुमने मेरे सामने बेटे से चुडवाया. जैसा तुमने रात में कहा था, अब से तुम हम दोनो की घरवाली हो. रात में हम तीनो एक ही बेड पर रहेंगे. दिन में भी तुम जब चाहो अपने बेटे से छुड़वा सकती हो.
विजय: कसम रानी, मैं तुमसे बिल्कुल नाराज़ नही हू. आज मुखेर्जी को डिन्नर पर बुलाओ, और उससे अपनी जवानी से इतना पागल करो, की वो पागल हो जाए. सच कहता हू करिश्मा, बेटे से छुड़वा कर तुमने मुझे बहुत खुश किया है.
मैं ये जान कर बहुत खुश हुई, की पति ने मुझे अपने बेटे से छुड़वाने की खुली छूट दे दी थी. तभी कॉल बेल बाजी. मैने विजय को किस किया, और गाउन पहनने लगी. कुछ ही मिनिट बाद विनोद अपने साथ रेणु को लेकर अंदर आया.
दोनो मर्द अपने अपने काम में बिज़ी थे. मैं रेणु के साथ किचन में थी.
रेणु: मेडम, आप वैसे ही आस-पास के इलाक़े में सबसे खूबसूरत और अट्रॅक्टिव औरत है. लेकिन आज तो आप ग़ज़ब की खूबसूरत लग रही है.
यही बात पिछली शाम पति ने भी कही थी. रेणु की बात सुन कर मैं बहुत खुश हुई, लेकिन उसको दांता.
मैं: का फालतू बात कर रही है है? जैसी अब तक थी, वैसी ही आज भी हू. तू टीन साल से मेरे घर में काम कर रही है, कभी सुना की करिश्मा मेडम का कोई यार है? तेरे साहब के दोस्तों के अलावा मुझसे कोई बात भी नही करता है. मेरा कोई यार नही है. तेरे तो बहुत यार होंगे?
रेणु: एक भी यार नही है मेडम. सभी मर्द आप के बेटे जैसे नही होते. नंगी चूची देख कर भी हाथ नही लगते है. बाकी सभी मर्दो को मौका मिला हो, तो बीच रोड पर भी खड़े-खड़े छोड़ देंगे.
मैने ध्यान से इस जवान लड़की की तरफ देखा.
रेणु 21-22 साल की थी. रंग मेरे जैसा गोरा नही था, लेकिन सॉफ था. चेहरा ऑर्डिनरी था. मुझसे 4-5 इंच छ्होटी होगी, करीब 5 फीट 2 इंच लंबी थी. कंधे चौड़े थे, चूचियों का साइज़ 32-34 इंच के बीच का था. चूतड़ भी छ्होटे थे. उसने पंजाबी सूट पहना था, इसलिए उसकी जांघों की बनावट सॉफ नही दिख रहा था.
ओवरॉल, देखने में साधारण रंग रूप की थी. जवान थी, और मर्द को हमारी उमर की औरतो की तुलना में जवान औरतो को छोड़ना ज़्यादा पसंद है. मुझे मालूम हो गया था, की रेणु अगर विनोद के सामने नंगी भी हो जाए, तो वो उसको नही छोड़ पाएगा. फिर भी मैने गुस्सा दिखाया.
मैं: रंडी, मेरे बेटे को अपनी जवानी दिखा कर बर्बाद करना चाहती है? तुमने उसको चूची कब दिखाई?
रेणु काम करते हुए बोलती भी रही.
रेणु: मा कसम मेडम, मैने जान-बूझ कर उसको अपनी चूची नही दिखाई. आपकी चित्ति पढ़ते हुए मैं इतनी गरम हो गयी की मैने अपना कुर्ता खोल दिया. ब्रा भी उतार फेंक.
रेणु: इससे पहले की मैं अपनी सलवार भी खोलती, विनोद रूम के अंदर आ गया. मैं हड़बड़ा गयी और वो आपकी चित्ति उसको देकर रूम से बाहर निकल गयी. चित्ति में करिश्मा नाम काई बार लिखा था, लेकिन चित्ति लिखने वाले का नाम नही था. किसने आपको इतनी गंदी चित्ति लिखी थी?
विनोद ने सिर्फ़ इतना कहा था की रेणु ने उसको चित्ति दी थी. और कुछ पूछना बेकार था. मैने रेणु को और गरम करने का सोचा.
मैं: वो मेरा स्कूल का दोस्त था. जैसे सभी तुझे छोड़ना चाहते है. वैसे ही वो भी मुझसे डेली चुदाई की बातें करता था. लड़का मुझे भी पसंद था. लेकिन मेरे मा-बाप ने मेरी शादी कही और फिक्स्ड कर दी.
मैं: शादी के कुछ ही दिन पहले मैने उससे अपने घर बुलाया. मैने उससे कहा की मैं भी उसको बहुत पसंद करती थी, लेकिन शादी के पहले उससे छुड़वा नही सकती थी. तब उसने मुझसे खुशमाद की की मैं उसके सामने नंगी हो जौ, और उसक्क अपना बदन सहलाने डू.
रेणु बहुत ध्यान से मेरी बात सुन रही थी. हम दोनो नाश्ता भी बना रहे थे, और बातें भी कर रहे थे.
रेणु: आप उसके सामने नंगी हुई? आपको नंगा देख कर भी आपके प्रेमी ने आपको नही छोड़ा?
मैं: मैने अपने प्रेमी के सामने एक कंडीशन रखी.
रेणु: क्या कंडीशन?
मैं: मैने उससे कहा की मैं उसके सामने नंगी बैठूँगी. लेकिन पहले उसको मेरे अंग-अंग की तारीफ करते हुए ये भी लिखना होगा, की वो मुझे कैसे प्यार करेगा, कैसे छोड़ेगा, मेरे साथ क्या-क्या करेगा, मुझसे क्या करवाएगा.
मैं: मैने उससे कहा की अगर मुझे उसका लिखा हुआ पसंद आएगा, तो एक छूट में लोड्ा पेलने के अलावा वो जो भी मेरे साथ करना चाहेगा, मैं करने दूँगी.
मैने रेणु का हाथ पकड़ लिया.
रेणु: लेकिन आपको नंगा देख वो कंट्रोल नही कर पाया, और उसने आपको छोड़ लिया!
कुंदन ने वो चित्ति हमारी पहली चुदाई के बाद ही लिखी थी. मैने रेणु से झूठ कहा-
मैं: नही, मैने उससे नही चुडवाया. मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी बैठी रही. करीब एक घंटा में उसने वो चित्ति लिखी, जो तुमने कल पढ़ी. उसने जब पढ़ कर मुझे सुनाया तो मुझे बहुत पसंद आया. मेरी मा बगल के रूम से सब देख रही थी. मैं अपने प्रेमी के साथ कुल मिला कर टीन घंटे से ज़्यादा नंगी रही.
मैं: मैने टीन बार लोड्ा चूस कर उसको ठंडा किया. उसने मेरा अंग-अंग सहलाया, चूमा, मेरी छूट को खूब चूसा, और छाता. कुल मिला कर उसके लोड ने 5 बार रस्स गिराया.
मैं: 5 बार रस्स गिरने के बाद लोड में दूं ही नही रह गया था, की वो किसी को छोड़ सके. रेणु, किसी को बोलना मत, मुझे छूट चुसवाना और चटवाना, चुदाई से ज़्यादा बढ़िया लगता है.
रेणु की आँखों और चेहरे को देख कर लगता था, की उस समय वो किसी से भी छुड़वा लेगी. मेरा मॅन किया की दोनो बाप-बेटे से अपने सामने उस लड़की को छुड़वा डू. लेकिन अचानक रेणु ने दोनो हाथो से मेरी दोनो चूचियों को दबाया.
रेणु: मुझे भी किसी मर्द से छुड़वाना नही है. मैं आपको छोड़ना चाहती हू. आपकी छूट और इन मस्त चूचियों को चूसना चाहती हू.
मैने उसके दोनो हाथ झटके.
मैं: तू पागल है. आज रात विजय मालिक के बॉस डिन्नर पर आ रहे है. 5 बजे तक आ जाना, विनोद या विजय मालिक तुझे घर पहुँचा देंगे.
मैने इधर-उधर देखा, और मैने भी उसकी चूची को दबाया.
मैं: पहले क्यूँ नही कहा. अभी 2-3 दिन बहुत बिज़ी हू, उसके बाद तू जो चाहती है करने दूँगी. लेकिन तुझे मेरे सामने विनोद से छुड़वाना होगा.
रेणु ने दोबारा मेरी चूचियों को दबाया और बोली-
रेणु: आपको एक बार छोड़ने के लिए मैं एक विनोद क्या, किसी से भी छुड़वा लूँगी. जल्दी मौका दीजिए मेडम. जब से आपको देखा है, आपकी छूट चाटने के लिए पागल हू.
अब हम दोनो के बीच मेडम और मैड का रिश्ता नही रह गया था. मैं लेज़्बीयन मस्ती का भी मज़ा लेना चाहती थी. ब्रेकफास्ट के समय मैने पति के सामने ही मुखेर्जी को डिन्नर के लिए इन्वाइट किया. वो तुरंत रेडी हो गया. 9 बजे से पहले विजय अपनी ऑफीस चले गये. करीब साढ़े डूस बजे रेणु चली गयी.
हम मा-बेटे घर में अकेले रह गये. हम दोनो ने साथ नंगे बात लिया. बहुत देर तक मैने लोड्ा चूसा. मैं बेटे से छूट चुस्वा कर ठंडी हुई, लेकिन पिछली रात 2 बार छोड़ने के बाद भी विनोद अकेले में मुझे नही छोड़ पाया. उसको किसी दूसरे आदमी की प्रेज़ेन्स की ज़रूरत थी.
रेणु शाम को दोबारा आई. सारा काम ख़तम होने के बाद विनोद ने उसको घर पहुँचाया. अगली सुबा रेणु ने मुझसे पूछा-
रेणु: आपका बेटा नमार्द है क्या? मैं घर में अकेली थी. कोई दूसरा होता तो मुझे छोड़ लेता, लेकिन उस नमार्द ने मुझे किस भी नही किया.
मैं: मुझे कैसे मालूम होगा की मेरा बेटा नमार्द है की नही?
विनोद जब रेणु को पहुँचने गया था, तभी मुखेर्जी साहब आए. पति के सामने मैं उससे गले मिली. हरामी ने मेरे गालो को ही नही मेरे लिप्स को भी चूमा.
मुखेर्जी 60-62 साल का था. माथे के सारे बाल सफेद हो गये थे, फिर भी अपने सबॉर्डिनेट के घर की औरतो को छोड़ता था. मैने डिसाइड किया था की उसके सामने नंगी रहूंगी. उससे बाकी सब कुछ करने दूँगी, लेकिन चड़वौनगी पति को प्रमोशन मिलने के बाद ही.
विनोद भी वापस आ गया. पिछली रात जैसे हम चारो ने विस्की पीते हुए खाना खाया. खाना ख़तम होते-होते मेरे पति और मुखेर्जी दोनो पर नशा काफ़ी चढ़ गया था.
पिछली रात जैसे मैं उन्हे बेडरूम में नही ले गयी, लिविंग रूम के कार्पेट पर ही सब को बिताया. मैं मुखेर्जी से बिल्कुल सतत कर बैठ गयी, और अपनी एक चूची को उसके उपर आर्म्स पर दबाया.
दोनो बाप-बेटे के सामने वो आदमी मेरी चूचियों को मसालने लगा. मैं नखरा करती रही, साथ ही उसके कपड़े भी खोलने लगी. इससे पहले की मुखेर्जी मुझे नंगा करता, मैने उसके ट्राउज़र को अंडरवेर के साथ लेग्स से बाहर खींचा, और झुक कर उसके लोड के सूपदे को चूसने लगी.
मुखेर्जी: अफ विजय, 23 साल के बाद इस औरत ने मेरा सपना पूरा किया. मैने जब रिसेप्षन में इसको तुम्हारे साथ पहली बार देखा था, तभी से चाहता था की करिश्मा मेरा लोड्ा चूज़. और मेरे लोड्ा को अपनी छूट के अंदर ले. आ करिश्मा, बहुत मज़ा आ रहा है.
मैं उसकी बॉल्स और थाइस को सहलाती हुई लोड को चूस्टी रही. विनोद ने मुखेर्जी के ग्लास को फिरसे भर दिया. मैं लोड्ा चूस्टी रही, और कैसे ना करके उसने मुझे नंगा किया.
सेयेल बुड्ढे में बहुत ताक़त थी. उसने मुझे फ्लॅट किया, और मेरे हेड के बगल में बैठ कर मुझे लोड्ा चुसवाने लगा. उसका लोड्ा करीब 7 इंच लंबा था और नॉर्मल थिकनेस का था.
विजय: बॉस, सिर्फ़ लोड्ा चुस्वाते रहोगे, छोड़ोगे नही? देखो करिश्मा की छूट कितनी फुदाक रही है.
मुखेर्जी: अब तो करिश्मा मेरी माल है. जब चाहु छोड़ लूँगा. लेकिन मुझे लोड्ा चुसवाना ज़्यादा पसंद है. और तुम दोनो देख नही रहे हो, लड़की कितनी गरम है. तुम दोनो भी इसकी गर्मी उतरो.
देखते-देखते दोनो बाप-बेटे नंगे हो गये.
मुखेर्जी: वाह बेटा, बहुत ही बढ़िया लोड्ा है तुम्हारा. मेरी बेटी प्रेमा तुम्हे वैसे ही बहुत पसंद करती है. मुझे मालूम नही की उसने किसी से चुडवाया है की नही. लेकिन उसको तुम्हारा लोड्ा बहुत पसंद आएगा. शादी करोगे मेरी बेटी प्रेमा से?
हरामी बेटीचोड़ मुझसे लोड्ा चुस्वा रहा था, और मेरे बेटे को अपनी बेटी से शादी करने की बात कर रहा था.
मैने उसका लोड्ा इतना विगरस्ली चूसना शुरू किया, की वो बर्दाश्त नही कर पाया, और मेरे मौत में झड़ने लगा. वो लोड्ा बाहर खींचना चाहता था, लेकिन मैने लोड को टाइट्ली अंदर दबाए रखा.
टंग पर सारे कम को कलेक्ट किया, और लोड को बाहर निकाला. मैने मौत खोल कर सब को दिखाया, और उन्हे दिखाते हुए सारा कम स्वॉलो कर गयी.
मुखेर्जी: विजय, तुम्हारा प्रमोशन पक्का. मैने कम से कम 200 औरतो से लोड्ा चुस्वाया है. लेकिन ये पहला मौका है की किसी ने मेरा कम स्वॉलो किया. रानी बीच-बीच में अवँगा तो ऐसे ही लोड्ा चूस कर मुझे खुश कर देना.
मैं: बॉस, तुम जब बोलॉगे लोड्ा चूस कर खुश कर दूँगी, और तुम्हारा माल पी जवँगी. अपनी दोनो बेटियों को भी मेरे पास भेजो. उन्हे भी मर्दो को खुश करने का तरीका सीखा दूँगी. तुम्हे तो मैने ठंडा कर दिया. अब तुम मुझे ठंडा करो.
मुखेर्जी का लोड्ा बिल्कुल ढीला हो गया था.
मुखेर्जी: मेरा लोड्ा जल्दी टाइट नही होगा. विजय तुम अपनी घरवाली को छोड़ो.
मैं तो चाहती थी की विनोद मुझे अपने बाप और उसके बॉस के सामने छोड़े. लेकिन विनोद अपनी जगह पर बैठा रहा. विजय मुझे छोड़ने लगा.
मैं हाथ बढ़ा कर एक-एक हाथ में बेटे और मुखेर्जी के लोड को लेकर सहलाने लगी.
आयेज की कहानी अगले पार्ट में.