ही दोस्तो, मेरा नाम कमला है. मैं राजस्थान की रहने वाली हू. मेरी उमर 40 साल है, और मेरा फिगर 38″34″40″ है. हाइट मेरी 5’6″ है, और मेरा रंग गोरा है. मेरी शादी कई साल पहले हुई थी, और उससे मुझे एक बेटा भी है. मेरा एक बेटा है.
शादी के इतने सालो में मुझे कभी ज़्यादा शारीरिक सुख नही मिला था. फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, की मेरी लाइफ ही बदल गयी. तो चलिए जानते है, की क्या हुआ.
मेरे बेटे का बर्तडे था. वो ज़िद कर रहा था, की उसको अपना बर्तडे किसी हिल स्टेशन पर मानना था. उसके पापा ने उसकी बात मान ली, और हम तीनो शिमला के लिए निकल गये. वाहा जाके हमने होटेल में एक रूम लिया.
मेरे पति काफ़ी कंजूस है, और उन्होने अपनी इमेज की बरकरार रखते हुए एक सस्ती होटेल में रूम ले लिया. फिर हम मार्केट घूमने गये. मैने रेड कलर का गाउन पहना हुआ था. अब मेरा फिगर ऐसा है, की उसमे से मेरी सेक्सी बॉडी की पूरी शेप दिख रही थी.
आस-पास वाली दुकान वाले, और आ-जेया रहे सभी लड़के मुझे घूर-घूर कर देख रहे थे. मुझे इसमे बहुत खुशी मिल रही थी. अब जब आपके पति को आपमे ज़्यादा इंटेरेस्ट ना हो, और वो टाइम से पहले ही बुढ़ापा स्वीकार कर ले, तो दूसरो के देखने पर आपको खुशी होगी ही.
ऐसा ही कुछ मेरे साथ हो रहा था. फिर हम एक शॉप में केक वग़ैरा लेने गये. वाहा काफ़ी भीड़ थी. तभी पीछे से एक लड़का आया, और मेरे पीछे चिपक कर खड़ा हो गया. मुझे अपनी गांद पर उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था.
उस लंड से मुझे फीलिंग आ गयी, और मैने उसको स्माइल देनी शुरू कर दी. वो लड़का कोई 19-20 साल का था. फिर उस लड़के ने इशारे से मेरा नंबर माँगा, और मैने भी उसको नंबर दे दिया. उसके बाद हमारी शॉपिंग हो गयी, और हम वापस होटेल में आ गये.
थोड़ी देर बार मुझे उस लड़के की कॉल आई. फिर हमारी थोड़ी बात हुई-
लड़का: ही.
मैं: ही.
लड़का: आपका नाम क्या है?
मैं: कमला. और आपका?
लड़का: विजय.
मैं: ओक.
विजय: आप बहुत सेक्सी हो कमला जी.
मैं: थॅंक्स.
विजय: मुझे आपसे मिलना है.
मैं: मैं देखती हू, अगर मौका मिला, तो मैं आपको कॉल कर दूँगी.
फिर उस रात हमने मेरे बेटे का बर्तडे सेलेब्रेट किया. अगले दिन हमे कही बाहर घूमने जाना था. मैने सिर दर्द का बहाना बना दिया, और अपने पति और बेटे को घूमने के लिए भेज दिया.
फिर मैने विजय को कॉल की. विजय ने बोला, की वो 10 मिनिट में मेरे पास पहुँच जाएगा. अब मैं बड़ी एग्ज़ाइटेड थी. मैने ब्लू त-शर्ट के साथ ब्लॅक लेगैंग्स पहन ली. मेरी गांद लेगैंग्स में इतनी ज़बरदस्त लग रही थी, की कोई भी मर्द बहक जाए.
फिर मेरे रूम की बेल बाजी. मैने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तो मैं चौंक गयी. बाहर अकेला विजय नही था, बल्कि उसके साथ 2 और लड़के थे. वो उसी की उमर के लड़के थे. फिर विजय अंदर आया, और उसने बाकी दो लड़को को भी अंदर बुलाया. उसके बाद वो मुझे बोला-
विजय: ये मेरे दोस्त है. इसका नाम है राहुल, और दूसरे का नाम है पंकज.
मैं: तुम इनको क्यू लाए हो?
विजय: बेबी जीतने ज़्यादा लंड होंगे, तुम्हे उतना ही मज़ा आएगा.
मैं: मैं कोई रंडी नही हू विजय.
विजय: मुझे पता है मेरी जान. देखो अगर तुम कंफर्टबल ना हुई, तो कोई ज़बरदस्ती नही करेगा.
मैं: पक्का ना?
विजय: हा बिल्कुल. चलो अब शुरू करते है.
ये बोल कर विजय मेरी तरफ आया, और उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया. अब हम दोनो ने किस करना शुरू कर दिया. कुछ ही सेकेंड्स में हमारी किस वाइल्ड हो गयी.
फिर राहुल पीछे से मेरे साथ चिपक गया, और मेरी पीठ पर किस करने लगा. उसका लंड मेरी गांद पर टच हो रहा था. फिर राहुल ने अपने हाथ आयेज मेरे बूब्स पर रख लिए, और उनको दबाने लगा. मैं काफ़ी उत्तेजित हो गयी थी, और मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था.
विजय मुझे किस करे जेया रहा था, और राहुल ने मेरी छूट सहलानी शुरू कर दी थी. पंकज अभी डोर खड़ा देख रहा था. फिर विजय मुझसे डोर हो गया, और पंकज ने उसकी जगह लेली. अब मैं और पंकज किस कर रहे थे, और राहुल पीछे से अपना काम कर रहा था.
फिर पंकज ने मेरी त-शर्ट उतार दी, और राहुल ने पीछे से मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. अब मेरे बड़े-बड़े बूब्स ब्रा की गिरफ़्त से आज़ाद हो गये थे. पंकज ने मेरे बूब्स पकड़े, और एक-एक करके उन्हे चूसना शुरू कर दिया.
मैं कामुक आहें भर रही थी. तभी राहुल मेरी बॅक पर किस करता हुआ नीचे गया, और उसने मेरी लेगैंग्स उतार दी. फिर वो पनटी पर से मेरी गांद के चियर में मूह मारने लगा. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था. क्यूकी मेरे पति ने तो कभी मेरी गांद पर किस भी नही किया था.
फिर विजय मेरे पीछे आ गया, और राहुल साइड हॅट गया. विजय ने मेरी पनटी उतार दी, और मेरे चूतड़ दोनो हाथो से पकड़ लिए. फिर उसने मेरे चूतड़ खोले, और अंदर जीभ डाल कर चाटने लगा.
उई मा! क्या मज़ा आ रहा था. उपर से मेरे बूब्स चूज़ जेया रहे थे, और पीछे से मेरी गांद छाती जेया रही थी. मैं बहुत गरम हो गयी थी, और मेरी छूट पूरी गीली हो गयी थी.
फिर वो मुझे बेड पर ले गये, और तीनो ने अपने कपड़े उतार दिए. उन तीनो के लंड 7-8 इंच के आस-पास थे. फिर विजय मेरी छूट के पास आया, और उसको चाटने लगा. पंकज ने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया, और मैने लंड मूह में डाल लिया.
विजय जीभ डाल-डाल कर मेरी छूट चाट रहा था, और पंकज मेरा मूह छोड़ रहा था. फिर विजय पीछे हॅट गया, और राहुल मेरी टाँगो के बीच आ गया. उसने अपने लंड को मेरी छूट पर रगड़ते हुए पुश किया.
पहले पुश में उसका आधा लंड मेरी छूट में चला गया. मेरी ज़ोर की आहह निकल गयी. फिर उसने 2-3 धक्के मार कर लंड पूरा अंदर कर दिया. मेरे पति का लंड 5 इंच का है, और मैं बहुत देर बाद चुड रही थी, इसलिए मुझे दर्द हो रहा था.
फिर राहुल मेरी छूट में धक्के देने लगा, और मुझे स्वर्ग का आनंद आने लगा. पंकज मेरा मूह छोड़े जेया रहा था. विजय सामने खड़ा अपना लंड हिला रहा था. फिर पंकज ने अपना लंड मेरे मूह से बाहर निकाल लिया.
उसका लंड मेरी थूक से एक दूं लिपटा हुआ था. फिर पंकज ने राहुल को उठने के लिए कहा. राहुल पीछे हो गया, और पंकज बेड पर लेट गया. उसने मुझे उसके उपर उल्टा लेटने को कहा, और मैने वैसा ही किया.
फिर राहुल दोबारा से मेरी टाँगो के बीच आ गया. राहुल ने मुझे जाँघो से पकड़ा, और तोड़ा उपर उठाया. पंकज ने अपना लंड मेरी गांद के छेड़ पर सेट किया, और राहुल को बोला-
पंकज: हा रख दे अभी इसको.
ये सुनते ही राहुल ने धीरे-धीरे मुझे रिलीस कर दिया. पंकज का लंड काफ़ी सख़्त था, और गीला भी था. जब मेरा वेट लंड की टिप पर पड़ा, तो वो मेरी गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया. मैं अपने आप को संभाल नही पाई, और एक ही बार में लंड पर बैठ गयी. पूरा लंड अंदर जाने से मेरी चीख निकल गयी-
मैं: आई मुम्मा! मॅर गयी मैं आहह.
मैने उठने की कोशिश की, लेकिन उन्होने मुझे जकड़े रखा. फिर 2 मिनिट में मैं थोड़ी नॉर्मल हुई. अब राहुल ने भी आयेज से लंड मेरी छूट में डाल लिया. अब मेरी छूट और गांद दोनो में लंड था. और जो मज़ा आ रहा था, वो मैं बयान नही कर सकती हू.
फिर वो दोनो अपना ज़ोर लगा कर मेरी छूट और गांद में धक्के देने लगे. मैं अब आ आ करके चुदाई का मज़ा ले रही थी. तभी राहुल का निकालने वाला था, तो उसने मुझसे पूछा-
राहुल: मेरा निकालने वाला है आंटी, कहा निकालु?
मैं: अब रुक मॅट छ्होरे, बस छोड़ता जेया.
ये सुन कर वो धक्के मारता रहा, और 15-20 धक्के मार कर मेरे अंदर ही झाड़ गया. मेरा भी अब तक 2 बार पानी निकल चुका था. लेकिन मुझे और चूड़ना था. आख़िर-कार सालो की प्यास थी. फिर जैसे ही वो मेरी टाँगो से निकला, मैं ए विजय को बोला-
विजय: आजा विजय जल्दी, चुदाई रुकनी नही चाहिए.
ये सुन कर विजय जल्दी से आया, और अपना लंड एक ही बार में मेरी छूट में घुसा दिया. उसका लंड राहुल के लंड से मोटा था. उधर पंकज नीचे से धक्के मारे जेया रहा था. गांद छुड़वाने का भी अपना एक अलग मज़ा है.
फिर 15 मिनिट बाद पंकज ने भी अपना पानी मेरी गांद में निकाल दिया. अब सिर्फ़ विजय बचा था. उसने मुझे घोड़ी बना लिया, और मेरी छूट को छोड़ने लग गया. साथ मेरी वो मेरी गांद को मसल रहा था, और उस पर थप्पड़ भी मार रहा था.
इस बीच मैं एक और बार झाड़ गयी. फिर उसने अपना लंड मेरी गांद में डाल दिया, और मेरी गांद का भी मज़ा लिया. उसने मेरे बाल खींच कर मुझे अपनी सवारी बना लिया, और मेरी गांद को छोड़ा. 15 मिनिट में वो मेरी गांद में ही झाड़ गया.
फिर वो चले गये. शिमला से आने के बाद भी वो मेरे घर आके मुझे छोड़ते थे. अब ज़िंदगी मज़े से कट्ट रही है.
थे एंड.