मैं करिश्मा. बेटा मुझे सिनिमा दिखाने ले गया और मेरी ज़िंदगी ही बदल गयी.
करीब सवा घंटे के सिनिमा में मैं टीन मर्दो के साथ बेशार्मो जैसी मस्ती मार कर घर लौटी. मैं इतनी चुदसी हो गयी थी, की किसी से भी छुड़वा सकती थी. मैं नंगी हो गयी, और बेटे से कहा की मुझे छोड़े.
लेकिन जो लोड्ा सिनिमा हॉल में मेरे हाथ में 40 मिनिट से ज़्यादा टाइट रहा था, वो घर में बिल्कुल ढीला था. मैने बहुत सहलाया, चूसा, लेकिन लोड्ा टाइट नही हुआ.
मैने कुछ कहा नही, लेकिन गुस्से से बेटे को देखती रही. विनोद बहुत उदास दिख रहा था.
विनोद: मा, जब तक मैं किसी और को तुम्हारे साथ या अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मस्ती मारते ना देखु, मेरा लोड्ा टाइट नही होगा.
मैने ऐसा पहले कभी नही सुना था. तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ.
मैं: तुम्हारे बाबा आए है. अगर मैं अभी नही चड़वौनगी तो पागल हो जौंगी. तू बाहर मत निकलना, च्छूप कर चुदाई देख.
बेटा अंदर की तरफ चला गया. ये एन्षूर करके, की मेरे पति ही थे, मैने डोर खोला. मुझे नंगा देख कर पति को कुछ बोलने और करने की ज़रूरत नही थी. पति नंगा हो गया, और लिविंग रूम में ही अपनी पूरी ताक़त से मुझे छोड़ने लगा. मुझे भी मज़ा आ रहा था.
पति: रानी, तुम अपनी कसम तोड़ जो. ये बेटीचोड़ मुखेर्जी जब तक तुम्हे छोड़ नही लेगा, मुझे प्रमोशन नही मिलेगा. रानी, तुम जिससे चाहो चुड़वव. लेकिन एक बार जल्दी से मुखेर्जी को अपना माल खिला दो.
पति ने मुझे दूसरे से छुड़वाने की छूट दे दी. मैने सिनिमा हॉल की मस्ती के बारे में पति से कुछ नही कहा. मैं बेटे से छुड़वाना चाहती थी, लेकिन पति अपने तरीके से छोड़ कर खुद तो ठंडा हुआ ही मेरी गर्मी भी कम कर दी.
मैं: ऐसी अनएक्सपेक्टेड चुदाई में बहुत मज़ा आया. जाओ तुम बढ़िया से बात ले लो. बेटा भी घर आता ही होगा. मैं भी कपड़े पहनती हू.
पति मुझे चूम कर नंगे ही बेडरूम में चले गये. एक दिन में ही मुझमे जो बदलाव आया, उसके बारे में मैं सोच ही रही थी, की विनोद नंगा मेरे पास आया.
मैं: विनोद, कपड़े पहन लो, बाबा घर में है.
लेकिन उसने कुछ सुना ही नही. वो मेरी टाँगो के बीच आया, और अपना कड़क लोड्ा अपनी मा की छूट में पेल दिया. फिर वो दाना-दान धक्के मारने लगा.
विनोद: मा, मैं 4-5 साल से अपना लोड्ा तुम्हारी छूट में पेलने का सपना देख रहा था. अफ मा, तुम सबसे अची हो. जितना सोचा था, उससे ज़्यादा मज़ा आ रहा है.
मज़ा तो मुझे भी आ रहा था, लेकिन दर्र भी था की मेरे पति बाहर आ कर मा बेटे की चुदाई को ना देख ले. लेकिन विनोद की किस्मत बढ़िया थी. उसने 20-22 मिनिट खूब जाम कर छोड़ा, और मा की छूट को अपने रस्स से भर दिया.
मैं: तेरा लोड्ा भी तेरे बाबा से बढ़िया है, और तुमने चुदाई भी बहुत बढ़िया की. रात में अपने बाबा के सामने तुम्हे अपनी मा को छोड़ना है, कैसे छोड़ोगे तुम सोचो. अगर बाबा के सामने मुझे आज नही छोड़ा तो फिर कभी तुम्हे मा की जवानी नही मिलेगी. तुम्हारे सामने दूसरो से चुड़वति रहूंगी.
मैं नंगी ही कामन बातरूम में गयी और बात लेने लगी. नहाते समय मैं उस दिन की घटनाओ के बारे में सोचने लगी. फाइनली डिसाइड किया की पति के बॉस से उसके सामने ही छुड़वा कर पति से दूसरो के साथ छुड़वाने की पर्मिशन ले लूँगी.
बात लेने के बाद सिर्फ़ एक बात गाउन ही पहन कर बाहर आई. आधी से ज़्यादा चूचियाँ एक्सपोज़्ड थी ही, मेरे दोनो थाइस भी पति और बेटे दोनो को देख रहे थे.
पति: करिश्मा, विनोद पूरा जवान हो गया है. अपनी गर्लफ्रेंड्स को नंगा देखता ही होगा. तुम भी ये गाउन निकाल दो.
मैं: गाउन ही क्यूँ निकालु, तुम्हारे सामने अपने बेटे से छुड़वा भी लेती हू. बेटा आज खाना बनाने का मूड नही है, जाओ जो पसंद है बाहर से ले आओ.
विनोद के चेहरे से ही दिख रहा था की अपनी मा को छोड़ कर वो कितना खुश था. उसने मेरे पर्स से रुपये लिया, और बाहर चला गया.
पति ने डोर को अंदर से बोल्ट नही किया. सिर्फ़ डोर पेन्स को पुश कर दिया.
पति: झूठ नही कह रहा हू रानी. आज तुम जितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो, वैसी पहले कभी नही लगी.
पति ने बोलते हुए मुझे अपनी गोदी में बिताया. उसने गाउन का बेल्ट खोल दिया. मेरी नंगी जवानी देख वो छूट को सहलाने लगा.
मैं क्या बोलती की एक घंटे के अंदर टीन नये लोड़ों को सहलाया था. एक स्ट्रेंजर के लोड को सिर्फ़ चूसा ही नही उसका रस्स भी पी गयी थी, और बेटे से भी चुडवाया था.
मैं: मैने पढ़ा और सुना है की औरत जब 40 साल की होती है, तब उसमे दोबारा जवानी जागती है. कुछ दीनो से मैं बहुत ही चुदसी रहने लगी हू. राजा, जैसे पहले तुम दिन में 2-3 बार छोड़ते थे, फिरसे छोड़ना शुरू कर दो.
लेकिन 46-47 की उमर के पति में ना पहले वाला जोश ही रह गया था, और ना ही पहले जैसी ताक़त से मुझे छोड़ सकते थे. शाम को ही देख लिया की बेटे ने अपने बाप से बढ़िया चुदाई की थी.
हम ऐसे ही सेक्स की बातें कर रहे थे की विनोद अंदर घुसा. उसने मुझे अपने बाप की गोदी में बैठे ही नही देखा, मेरा पूरा फ्रंटल भी देखा. मैं अपने पति के गोदी से कॅष्यूयली उठी. गाउन का बेल्ट बाँधते हुए बेटे के पास आई. मैने बहुत धीरे से कहा,
में: याद है ना, आज ही बाप के सामने मा को छोड़ना है?
लाउड्ली बोली-
मैं: तुम दोनो हाथ पावं धो लो. मैं खाना लगती हू.
बोल कर मैं किचन में चली गयी. लेकिन मेरा ध्यान दोनो बाप बेटे की तरफ ही था.
विनोद: सॉरी बाबा, मैने मा को पूरा नंगा देख लिया. आपको डोर बंद कर लेना चाहिए था. लेकिन बाबा, आप बहुत ही लकी है. मा की चूचियाँ और जांघें कितनी सुंदर है.
पति: किसी से बोलना मत की मा को नंगा देखा. तुम्हारी मा जैसी बढ़िया माल आस-पास के इलाक़े में और कोई नही. तभी मेरे सभी दोस्त, मेरे बॉस तुम्हारी मा को छोड़ना चाहते है. तुम छोड़ोगे अपनी मा को?
मैने कभी नही सोचा की मेरा पति बेटे से, मुझे छोड़ने की बात करेगा.
विनोद: बाबा, अगर ये औरत मेरी मा नही होती, तो जैसे-तैसे करके मैने आप की घरवाली को छोड़ ही लिया होता. लेकिन क्या करू, मा की बर में लोड्ा नही पेल सकता. उसके नाम पर रोज़ लोड्ा हिलता हू, और मा को छोड़ने का सपना देखता हू.
अपनी मा की नंगी जवानी से खेल कर, मा को एक बार छोड़ कर बेटे में भी बहुत हिम्मत आ गयी थी. वो भी मेरी तरह बेशरम हो गया था. मैने फिर सोचा की जैसे भी हो आज अपने पति के सामने बेटे से चड़वौनगी. बाप खुद बेटे से कहेगा की मा को छोड़े.
मैं प्लेट्स लेकर बाहर आई और सारा समान डाइनिंग टेबल पर रखा. मैने गाउन को ऐसा अड्जस्ट किया था की दोनो बाप-बेटे को मेरे निपल्स की झलक भी दिखाई देती रहे. विनोद में रियली बहुत हिम्मत आ गयी थी.
विनोद: बाबा, आज मैने पहली बार किसी औरत की नंगी जवानी को देखा है. इसलिए मैं सेलेब्रेट करना चाहता हू.
विनोद एक बेडरूम के अंदर गया. थोड़ी देर बाद एक ट्रे में विस्की की एक बॉटल, टीन ग्लास और आइस क्यूब्स लेकर आया. मैं देखती रही. पति ने भी कुछ नही कहा. बेटे ने तीनो ग्लास में डबल-डबल पेग डाला, और सभी में आइस क्यूब्स भी डाला.
विनोद: बाबा, मा की खूबसूरत, मस्त जवानी के लिए चियर्स करते है.
विनोद ने मुझे रास्ता दिखा दिया था. मैने भी एक ग्लास लिया तो पति ने तीसरा ग्लास ले लिया.
विनोद: बाबा, मेरी मा, आपकी खूबसूरत पत्नी करिश्मा सालो-साल ऐसी ही मस्त, खूबसूरत बनी रहे. अपनी माधमस्त कड़क जवानी से मर्दो को खुश करती रहे, चियर्स!
हम तीनो ने ग्लास टकराते हुए “ चियर्स “ किया.
मुझे विश्वास हो गया था की उस रात ही बेटा मुझे अपने बाप के सामने छोड़ेगा. खाते हुए हम तीनो ने ग्लास खाली किया, लेकिन विनोद ने फिर सभी ग्लास में डबल पेग डाल दिया.
मैं: ये सब यही रहने दो. सुबा में रेणु सॉफ कर देगी. ये विस्की बहुत तेज़ है, मुझे नींद आ रही है.
मैं अपना ग्लास लेकर अपने बेडरूम में आ गयी. कुछ ही देर बाद दोनो बाप-बेटे भी मेरे बेड पर आ गये.
मैं बेड के बीच में बॅक रेस्ट का सपोर्ट लेकर बैठी थी. दोनो बाप-बेटे मेरे एक-एक लेग्स की तरफ बैठे थे. मेरी दोनो लेग्स करीब-करीब फुल्ली एक्सपोज़्ड थी. हम तीनो कुछ ना कुछ सोच रहे थे. हम तीनो अपनी-अपनी विस्की पी रहे थे. विनोद की आँखें मेरे शरीर में च्छेद कर रही थी.
मैं: विजय ( मेरे पति ), तुम इतने दीनो से मुझे जिस बात के लिए कह रहे हो, उस पर मैने बहुत सोचा. फाइनली, ये डिसाइड किया है की तुम्हारी खुशी के लिए, तुम्हारे प्रमोशन के लिए, एक बार तुम्हारे बुड्ढे बॉस मुखेर्जी से छुड़वा लूँगी. मैं कल सुबा ही उसको रात के डिन्नर के लिए इन्वाइट करूँगी.
मेरी बात सुनते ही मेरे पति बहुत खुश हो गये. उन्होने अपना ग्लास बगल में रखा, और जैसे सिनिमा हॉल में लल्लन ने किया था पति ने बेटे के सामने मुझे अपनी दोनो बाहों में बाँधा, और टीन बार चूमा. बाप चूम रहा था और बेटे ने हाथ बढ़ाया और छूट को मसालने लगा.
विजय: अफ रानी, तुम नही जानती की तुम्हारे इस डिसिशन से मैं कितना खुश हू.
पति इसलिए बहुत खुश था, की मैं उसके बॉस से छुड़वाने के लिए तैयार हो गयी थी.
आयेज की कहानी अगले पार्ट में.