फिर वो मुझे उनके साथ सेक्स करने के लिए बोलने लगी. अब मैं धीरे-धीरे आयेज बढ़ रही थी, और फिर मैं उनकी बाहों तक पहुँच गयी. अब आयेज की कहानी.
फ़ातिमा की आवाज़ से हम दोनो एक-दूसरे से अलग हुए. मैने अपनी सारी पहनी और हॉल में आके फ़ातिमा और जुनेद के साथ छाई पी. जुनेद और मेरी आँखें एक-दूसरे से प्यार भारी बातें कर रही थी. छाई पीने के बाद जुनेद अपने कमरे में जाते हुए मुझे बोला-
जुनेद: मीना जी, आप तोड़ा मेरे कमरे में आएँगी?
मैं: जी अभी आती हू.
इतना बोल के मैं अपनी छाई ख़तम करके जुनेद के कमरे में जाने लगी. तभी फ़ातिमा बोली-
फ़ातिमा: ऑल थे बेस्ट मीना.
फ़ातिमा की बात पे मैं मुस्कुरा दी, और जुनेद के कमरे में चली गयी. कमरे में पहुँचते ही जुनेद मेरे पास आया, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया.
मैं भी उसकी बाहों में समा गयी. उसके बाद जुनेद ने मेरे माथे को चूमा. फिर मेरे गालो को, और उसके बाद मेरे होंठो को चूमने लगा. मैं भी जुनेद का पूरा साथ दे रही थी. मेरे गले को चूमते हुए जुनेद बोला-
जुनेद: मीना तुम मेरी खुशियों की चाबी हो.
मैं बोली: जुनेद आपकी खुशी में ही मेरी खुशी है.
जुनेद ने अब मेरी सारी, पेटिकोट और ब्ल्ौसे उतार दिया. अब मैं वापस से सिर्फ़ ब्रा-पनटी में जुनेद के सामने थी. फिर जुनेद ने मेरी ब्रा और पनटी भी उतार दी. आज पहली बार अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द के सामने मैं पूरी नंगी थी.
फिर जुनेद ने मुझे अपनी बाहों में उठाया, और बिस्तर पे पटक दिया. उसके बाद जुनेद ने अपने कपड़े उतार फेंके, और पूरा नंगा हो गया. जुनेद के मूसल जैसे लंड को देख के मेरी आँखें चमक उठी. मेरे पति के लंड से काई गुना लंबा और मोटा लंड था जुनेद का.
जुनेद ने अपना लंड मेरे हाथो में रखा. और मैं जुनेद के लंड को अपने हाथो से सहलाने लगी. फिर जुनेद के कहने पे मैने उसके लंड पे अपने होंठो से किस किया. और फिर मैं लंड को मूह में लेके चूसने लगी.
मैं वासना के अलग ही आसमान में थी. काफ़ी देर जुनेद का लंड चूसने के बाद जुनेद ने अपने लंड का सूपड़ा मेरी छूट के छेड़ पे रखा. फिर उसने अपने लंड को धक्का दिया, और उसका लंड मेरी छूट से सरसरता हुआ अंदर चला गया. उस पल मैने मॅन ही मॅन अपने पति से माफी माँगी और बोली-
मैं (मॅन में): इतने आचे सुख के लिए आज और अभी से मैं अपना पतिव्रता धरम का त्याग करती हू.
और मैं मज़े से जुनेद के लंड से चुदाई का आनंद लेने लगी. मेरे मूह से आआअम्म आअहह आआ आअहह की सिसकारिया निकल रही थी. जुनेद ने मुझे आज सही मायने में चुदाई का मतलब सिखाया था. जुनेद के लंड से छुड़वा के मैं बिल्कुल तृप्त हो चुकी थी.
अपनी उमर के इतने सालो में भी मैने कभी ऐसे मज़े नही लिए थे चुदाई के. लगभग एक घंटे बाद फ़ातिमा कमरे में आई. तब जुनेद बातरूम गया हुआ था, और मैं नंगी ही उसके बिस्तर पे पड़ी हुई थी.
मुझे देख के फ़ातिमा हस्सी और बोली: क्या कहा था मीना आंटी. तेरी यही जगह है.
और वो हस्ती हुई कमरे के बाहर चली गयी. जुनेद बातरूम से आया, और मुझे बाहों में भर के मेरे होंठो को चूमने लगा. मैने भी उसके लंड को चूमा, और चूसा.
उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनने लगी. कपड़े पहनने के बाद जुनेद ने मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया. वो मेरे गालो को किस करते हुए बोला-
जुनेद: मत जाओ ना मीना.
मैं उसके होंठो को चूमने के बाद बोली: जाना तो मैं भी नही चाहती. लेकिन क्या करू मजबूर हू. अभी जाना पड़ेगा.
फिर मैं अपने घर आ गयी. आज जुनेद से छुड़वा के मैं बहुत खुश थी.
रात में भी सोते समय जुनेद के साथ बिताए हसीन पॅलो को याद करके मैं उत्तेजित हुई जेया रही थी. अगली सुबा घर के काम निपटा के मैं जल्दी ही फ़ातिमा के घर चली गयी.
फ़ातिमा मुझे बोली: आज तो सारी की जगह मामू के पसंद की सलवार पहन के उनको मज़े देना.
मैं बोली: तू चिंता मत कर फ़ातिमा. लगभग एक घंटे बाद फ़ातिमा घर से निकल गयी. फ़ातिमा के जाते ही जुनेद ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. मैं जुनेद की बाहों में इठलाती हुई बोली-
मैं: तोड़ा सबर करो जुनेद. मुझे तुम्हारे लिए तैयार होके आने दो.
जुनेद बोला: जल्दी आना मीना रानी.
मैं जुनेद के होंठो को चूमते हुए बोली: यू गयी और यू आई.
फिर मैं कमरे में गयी और अपनी सारी, ब्लाउस, और पेटिकोट उतार के सलवार सूट पहन के जल्दी से हॉल में वापस आ गयी. वापस आते ही जुनेद ने मुझे बाहों में भर लिया, और मेरे होंठो को चूमने लगा.
मैं भी जुनेद के होंठो को चूमने और चूसने लगी. तभी डोरबेल बाजी. जुनेद हस्ता हुआ बोला-
जुनेद: लगता है शौकत मिया आ गये.
मैं बोली: कों शौकत मिया?
जुनेद हस्सा और बोला: मेरा जिगरी दोस्त.
फिर जुनेद दरवाज़े पे गया, और दरवाज़ा खोल दिया. एक 55-56 साल का सफेद दाढ़ी वाला इंसान जुनेद के साथ अंदर आया. जुनेद ने उसको सोफे पे बिताया, और फिर खुद सोफे पे बैठ गया.
उसने मुझे अपनी गोद में बिता लिया, और उस शौकत के सामने ही मेरे होंठ चूसने लगा और मेरे दूध भी दबाने लगा. मुझे बहुत शरम आ रही थी. लेकिन जुनेद मस्ती में मेरे होंठो को चूस रहा था, और दूध बड़ा रहा था.
फिर जुनेद ने मेरी कुरती निकाल फेंकी, और शौकत को इशारे से पास आने को बोला. शौकत हमारे पास आया और दोनो हाथ से मेरे दोनो दूध को ब्रा के उपर से मसालने लगा.
अब जुनेद ने मेरा हाथ शौकत के पाजामे पे उसके लंड पे रख दिया. मैने अपना हाथ तुरंत हटा लिया. फिर जुनेद ने मेरे होंठ चूस्टे हुए एक हाथ से मेरी सलवार खोल दी, और मेरी पनटी नीचे सरका के मेरी नंगी छूट और छूट के दाने को सहलाने लगा.
उपर शौकत मेरे दूध और निपल्स को रग़ाद और मसल रहा था. अब मैं भी काम-वासना से टपने लगी थी. मुझे गरम होता देख जुनेद ने फिरसे मेरा हाथ शौकत के पाजामे पे उसके लंड पे रख दिया.
इस बार मैने शौकत के लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ के रखा, और धीरे-धीरे सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद शौकत और जुनेद ने मुझे पूरी नंगी कर दिया, और खुद भी पुर नंगे हो गये.
अब जुनेद का खड़ा लंड मेरे होंठो पे था, और शौकत का मूसल लंड मेरे हाथो की मुट्ही में. शौकत मेरे दूध और निपल को सहला रहा था, तो जुनेद मेरी नंगी छूट को अपने हाथो से सहला रहा था.
मैं भी होंठो से जुनेद के लंड को सहला रही थी, और हाथो में शौकत का मूसल लंड था जिसको बड़े प्यार से मैं सहला रही थी. अब जुनेद ने अपना लंड मेरे मूह से निकाला, और मेरी छूट पे रख दिया.
वही शौकत ने तुरंत अपना लंड मेरे मूह में दे दिया. अब जुनेद मज़े से मेरी छूट छोड़ रहा था, और मैं भी पुर जोश से शौकत के लंड को चूस रही थी. मेरे एक-एक दूध और निपल जुनेद और शौकत के हाथो में थे, और दोनो मस्ती से मेरे दूध और निपल से खेल रहे थे.
मुझे भी असीमित सुख की अनुभूति हो रही थी. और मैं जुनेद और शौकत दोनो का भरपूर साथ दे रही थी. इतना असीम मज़ा मिला मुझे चुदाई का, की कब रात के 9 बाज गये मुझे पता ही नही चला.
शौकत और जुनेद ने बहुत प्यार से काई बार मुझे छोड़ा, और मुझे चुदाई के असीमित मज़े से रूबरू करवाया. कल फिरसे मिलने का वादा करके मैं अपने घर आ गयी. मुझे अब मेरे पति की कोई चिंता नही थी.
मैं सीधे अपने रूम में गयी, और दिन भर के मज़े और कल करने वाले मज़े को सोचते हुए सो गयी. अगले दिन 11 बजे मैं फिर जुनेद के घर पहुच गयी. जुनेद शौकत और मैने तीनो ने चुदाई के भरपूर मज़े किए.
रात के 10 बजे मैं अपने घर वापस आ गयी. अगली सुबा मुझे जुनेद के साथ शादी में जाना था. अगली सुबा 12 बजे जुनेद घर पे आ गया. मैं और जुनेद समान लेके घर से निकल गये.
लगभग 1 घंटे बाद हम रेलवे स्टेशन पहुँच गये. ट्रेन आ चुकी थी. जुनेद ने एक बॉगी बुक करवा रखी थी, जिसमे 4 स्लीपर थे. हम हमारी बॉगी में चढ़ गये. बॉगी का गाते लगाने के बाद जुनेद मुझपे टूट पड़ा.
उसने मेरी सारी उतार फेंकी, ब्लाउस और पेटिकोट फाड़ दिया. मैं हस्ती हुई बोली-
मैं: आज जुनेद मिया काफ़ी जोश में लग रहे है.
इसके आयेज की कहानी का इंतेज़ार करे. कहानी अची लगी हो तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.