मैं करिश्मा. लल्लन मुझे छोड़ते हुए अपनी मा को छोड़ने की कहानी सुना रहा था.
लालन: एक दिन मैं बातरूम में नहाने घुसा तो मा भी बातरूम में घुस गयी. मैं माना करता रहा लेकिन हरांज़ाडी ने मुझे नंगा कर दिया, और मेरा लोड्ा पकड़ कर बोली-
“ जब तू अपने दोस्तों की मा को लोड्ा दिखता है तो फिर मेरे सामने नंगा होने में क्यूँ हिचक रहा है?“
और मेरी मा मेरा लोड्ा मुठियाने लगी. 4-5 मिनिट में ही लोड्ा पूरा टाइट हो गया. मेरा मूसल जैसे लोड को पकड़ कर जैसे तुम चिल्लाई थी, वैसे ही मा भी ज़ोर से बोली-
“ हरामी, तेरे बाप का लोड्ा इसका आधा ही है. तुमने अपना लोड्ा ऐसा कैसे बनाया? बेटा ग़लती से भी किसी कुवारि लड़की को छोड़ने की कोशिश मत करना. एक धक्का मारेगा, और लड़की मॅर जाएगी. देखु मेरी सालों से चूड़ी हुई बर भी तेरे लोड को संभाल सकती है की नही.”
मा मेरे सामने नंगी हो गयी और मेरा लोड्ा पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गयी. जैसे तुम अभी पावं फैला कर मुझसे चूड़ने के लिए लेती थी वो भी बेड पर लेट गयी. मैं क्यूँ टाइम बर्बाद करता.
मैं मा की छूट में लोड्ा पेलने लगा. कुछ ही धक्के के बाद वो रंडी वैसे ही सिसकारी मारने लगी जैसे तुम मार रही हो. मैने जब मा की छूट में रस्स गिराया तो मा ने कहा की मुझसे पहले किसी ने उन्हे उतनी देर नही छोड़ा.
तोड़ा रेस्ट करने के बाद हमने दोबारा चुदाई की. रात में बाबू जी घर में थे, फिर भी मा मेरे कमरे में आई और हमने रात में भी 2 बार चुदाई की.
मैं: मैं तो परसो लोड्ा पकड़ते ही समझ गयी थी, की कोई भी औरत क्यूँ ना हो, कैसी भी सती-सावित्री औरत क्यूँ ना हो. इस मूसल जैसे लोड वाले बेटे से ज़रूर ही चुडवाएगी. उसने ज़रूर ही दूसरो को भी तुमसे चुडवाया होगा.
मुझे चुदाई में हड्द से ज़्यादा मज़ा आ ही रहा था, और किसी के सामने ये डिस्क्लोस करके और भी मज़ा आया की मैं बेटे से चुड़वति हू. मेरी किस्मत बहुत ही बढ़िया थी. जिस आदमी से मैने ये कहा की मैं बेटे से चुड़वति हू, साला वो खुद ही एक नंबर का मदारचोड़ था.
लालन: मेरी मा रत्ना ने 5 दिन और रात मुझसे खूब चुडवाया, और रानी तुम शायद विश्वास नही करोगी, अगले टीन महीने में उस रंडी ने घर में जितनी मॅरीड औरते थी, सभी 14 औरतो को मुझसे चुडवाया.
मैने अपनी दोनो बहनो, बाबू जी की 2 बहने, 3 चाची, मा की 2 बहनो को भी छोड़ा. और सिर्फ़ एक बार ही नही. वो सब मा की तरह मुझसे बार-बार चुड़वति रही. दूसरी तरफ एक-एक करके मैने अपने सभी दोस्तों की मा को अपना लोड्ा दिखाया. और रानी, अब तक जितनी भी औरतो ने मेरा लोड्ा देखा, मुझसे बिना चुडवाए नही छ्चोढा. ऐसे ही मैं काई मिनिस्टर्स और गवर्नमेंट ऑफिसर्स के घर की औरतो को भी छोड़ने लगा.
रानी, तुम्हे कोई भी काम करवाना हो तो मुझे बोलो. मैं कैसा भी काम हो करवा दूँगा.
जिस तरह से लालन छोड़ रहा था, जैसी मस्ती मुझे दे रहा था वो सब देख कर मुझे उसकी सारी बातिने सच लगी. मैं भी लालन से बार-बार नही दिन में काई बार छुड़वाना चाहती थी. हमारी चुदाई चलती रही.
रश्मि: बस विनोद, मेरा हो गया. अब एक और धक्का भी नही संभाल सकती. लाओ चूस कर लोड्ा ठंडा कर देती हू.
लालन ने मुझे मुफ़्त में खरीद ही लिया था, और बेटे विनोद की पर्फॉर्मेन्स ने भी मुझे खुश कर दिया. उसने भी वही कहा जो रश्मि ने कहा था.
लालन: रानी, तुम्हारी छूट है ही इतनी मस्त, बढ़िया लोड्ा हो तो वो और भी बढ़िया छोड़ने लगेगा. विनोद अभी कही कुछ काम करता है क्या ?
तभी सिनिमा ख़तम हो गया. बाल्कनी में भी पूरी लाइट हो गयी. मैने लालन से कहा-
मैं: 10-15 दीनो में उसका ग्रॅजुयेशन का रिज़ल्ट निकलेगा. पढ़ने में भी बढ़िया है. मैं चाहती हू की विनोद इसी शहर में नौकरी करे.
लालन: हो जाएगा. मेरी बात मनोगी तो कोलकाता में ही उसको बढ़िया नौकरी मिल जाएगी.
मैं: राजा, मैने कहा ना जो बोलॉगे सब मानूँगी, जिससे चुड़वावगे छुड़वा लूँगी.
हमारी चुदाई चलती रही. बाल्कनी में जीतने लोग थे सभी कपड़े पहन हमारे कॉट के अगाल-बगल खड़े हो गये. सिर्फ़ मर्द ही नही औरते भी मेरी तारीफ के साथ लालन के धक्के की तारीफ करते रहे.
फाइनली, हम दोनो साथ झाडे. लालन ने छूट को अपने रस्स से भर दिया. थोड़ी देर चिपक कर हम दोनो ने एक-दूसरे को खूब चूमा. उसके बाद मैं सब के सामने नंगी खड़ी हो गयी, और आराम से कपड़े पहनने लगी.
एक औरत: मेडम, झड़ने के बाद भी इस लोड को देख कर दर्र लग रहा है. आपने कैसे इससे एक घंटा से ज़्यादा चुडवाया.
मैं झुकी और लालन का सूपदे को चूस कर बोली-
मैं: मुझे कुछ ज़रूरी काम है, इसलिए मैने इसको छ्चोढ़ दिया, नही तो अभी घंटा भर और चुड़वति. बहुत मस्त किया इस लोड ने.
मैने सारे कपड़े पहन लिए. लालन ने भी ट्राउज़र और शर्ट पहन ली. बाल्कनी में लालन और विनोद के अलावा आठ मर्द और 5 औरते थी. वो सभी मेरा रते पूच रहे थे, और साथ ही अपायंटमेंट भी चाहते थे. मैने लालन का हाथ पकड़ लिया.
मैं: मेरे बारे में कुछ भी पूछना है, मेरा अपायंटमेंट लेना है, तो मुझसे नही, इस साहब से बात कीजिए. ये साहब मेरे मालिक है.
लालन: आप सभी मुझे अपना-अपना नंबर दे दीजिए. मेडम जब भी फ्री होंगी, मैं आपसे बात करूँगा.
हम सभी बाल्कनी के बाहर आए. मैने लालन का नंबर लिया, और उससे वादा किया की मैं अगले दिन दोपहर 2 बजे संगम होटेल पहुँच जौंगी. उधर रश्मि ने विनोद को अपना नंबर और अड्रेस दिया, और रिक्वेस्ट किया की जितनी जल्दी हो उसके घर आ कर उसको छोड़े.
रश्मि एक टॅक्सी लेकर चली गयी. लालन हम दोनो को लेकर एक बढ़िया रेस्टोरेंट में ले गया. गरमा-गरम नाश्ता खाते हुए और छाई पीते हुए लालन ने विनोद का बढ़िया से इंटरव्यू लिया. मुझे लगा था की लालन सिर्फ़ महा चुड़क्कड़ था, लेकिन उसके पास काफ़ी नालेज थी.
वो किसी टेक्सटाइल कंपनी में पार्ट्नर था. उसने हमे अश्यूर किया की वो जल्दी विनोद को किसी बढ़िया जॉब में लगवा देगा.
लालन: रानी, मुझे मालूम है की तुम्हे मेरे दोस्त सुदेश का लोड्ा पसंद नही है. लेकिन जब उसको पता चलेगा की…
मैने फिर उसकी बात काटी.
मैं: बोला ना राजा, अब मैं तुम्हारी मुफ़्त की रखैल हू. जब जिससे बोलॉगे छुड़वा लूँगी. कल सुदेश को भी बुला लो. उन दोनो नमर्दो को ठंडा करने के बाद तुम दोनो दोस्तों को पूरी मस्ती दूँगी.
मेरी बात सुन कर लालन बहुत खुश हुआ.
मैं: मैं जल्दी तुम्हे अपने घर ले चलूंगी, अपने पति से भी मिओौनगी.
हम तीनो बाहर आए. मेरे बहुत माना करने पर भी लालन ने मेरे हाथ में एक थिक एन्वेलप रखा और कहा-
लालन: करिश्मा, ये तुम्हारी चुदाई की कीमत नही, मेरी तरफ से एक छ्होटा सा गिफ्ट है.
मैने पॅकेट ले लिया. उसने मेरे साथ मेरे घर चलने की ज़िद नही की. वो अपनी कार से गया, और हम दोनो टॅक्सी से घर वापस आए.
मैं भी डेढ़ घंटे से ज़्यादा की चुदाई से बहुत ही ज़्यादा खुश तो थी ही, लालन के धक्को ने टाइयर्ड कर दिया था. मा के साथ एक दूसरी माल को छोड़ कर विनोद भी बहुत खुश था.
लेकिन डिन्नर के बाद मैने ना पति को माना किया और ना ही विनोद को.
विजय: करिश्मा, कल रात की मस्ती से मेरा बॉस बहुत खुश है.
मैं: तुम जब चाहो उसको बुला लो, और चाहो तो अपने दूसरे बॉस को भी घर ला सकते हो. उन्हे भी खुश कर दूँगी.
विजय: उन्हे बाद में खुश करना. पहले मुझे अपना मज़ा लेने दो.
और तीसरी रात लगातार बाप बेटे ने एक-दूसरे के सामने मुझे छोड़ा. उस रात बिना विस्की पिए दोनो ने 2-2 बार मुझे छोड़ा.
जैसा मैने कहा था, 42 साल की उमर में मुझमे 18 साल की लड़की की जवानी आ गयी थी. मैं अब गंगबांग चाहती थी. कम से कम 10-12 आदमियो से एक के बाद एक लगातार छुड़वाना चाहती थी.
अगली सुबा सब समय पर उठे. रेणु भी समय पर आ गयी, और उसको देखते ही मुझे लेज़्बीयन की मस्ती काटने लगी. मेरे पति अपने समय 9 बजे के पहले ऑफीस चले गये.
करीब 9:45 पे रेणु ने कहा की सब काम हो गया था, और वो घर जेया रही थी. मैने उसका हाथ पकड़ा और कहा-
मैं: रेणु, जो माल तुम खाना चाहती थी, उसको खाने के लिए तेरे पास समय है अभी?
रेणु समझ गयी की मैं क्या बोल रही थी. उसने मेरे गाउन के बटन्स खोले, और दोनो नंगी चूचियों को दबाने लगी.
रेणु: इस माल को खाने को मैं हर समय तैयार हू.
रेणु ने गाउन के सारे बटन्स खोले, बेल्ट खोली, और मैं उसके सामने नंगी खड़ी थी. एक हाथ से चूचियों को, और दूसरे हाथ से मेरी छूट को सहलाने लगी.
रेणु: रानी, मैं जानती थी की मैं जैसा सोचती हू तू उससे कही ज़्यादा मस्त और मालदार होगी. चल बेडरूम में, तेरा माल ख़ौँगी, तुझे छोड़ूँगी.
मैं: सोच ले, घर में विनोद है. तुझे छोड़ेगा ही, मुझे भी, मा को नंगा देख कर मुझे भी छोड़ लेगा.
रेणु: रानी, तेरी बर को एक बार चूसने के लिए एक विनोद क्या हज़ारो कुत्टो से भी छुड़वा लूँगी. वो मदारचोड़ तुझे छोड़ेगा भी तो मुझे दिखाई नही पड़ेगा. मुझे अब से सिर्फ़ तेरी जवानी ही दिखाई देगी.
मैने अपनी नौकरानी को अपने साथ मस्ती मारने की छूट क्या दी, साली मेरी मालिक बनने लगी. मालूम नही मुझे क्यूँ उसके साथ लेज़्बीयन मस्ती मारने का मॅन करने लगा. मैने उससे रोका-टोका नही.
रेणु मेरी कमर में हाथ डाल कर कभी चूचियों को मसालती थी, तो कभी छूट को पिंच करते हुए लिविंग रूम से गुज़रते हुए बेडरूम में ले जाने लगी.
विनोद: रेणु, क्या कर रही हो?मा को नंगा क्यूँ किया?
रेणु रुकी ही नही, मुझे अपने आयेज करके मुझे बेटे के सामने खड़ा कर दिया. विनोद के सामने भी वो मेरी नंगी जवानी से खेलती रही.
रेणु: विनोद मालिक, तुम तो नमार्द हो. अगर मर्द होते, तो मुझे छोड़-छोड़ कर मेरे पेट में बच्चा डाल दिया होता. अर्रे हरामी, तुझे दिख नही रहा की तेरी मा की जवानी एक के बाद एक सैंकड़ो लोड्ा खाने के लिए कैसे तरस रही है?
रेणु: तू तो इस माल को छोड़ ही नही सकता, देख मैं कैसे तेरी मा को छोड़ती हू.
रेणु मुझे हमारे मास्टर बेडरूम में ले गयी, और मुझे बेड पर धक्का दिया. मैं बेड पर फ्लॅट ले गयी. रेणु ने मेरी दोनो लेग्स को जितना हो सकता था फैला दिया.
रेणु: देख मिरर में रानी, तेरी जवानी कितनी मस्त है. मैं तो सिर्फ़ तेरे इस बदन को खाने के लिए ही इस घर में नौकरी कर रही हू. नही तो मुझे काई बढ़िया, ज़्यादा सॅलरी वाले ऑफर मिल चुके है.
जैसा रेणु ने कहा ठीक बेड के सामने, 7-8 फीट की दूरी पर, मेरा ड्रेसिंग टेबल था जिसमे फुल साइज़ मिरर लगा था. और उस फुल साइज़ मिरर में मेरी अपनी ही नंगी जवानी मुझे बहुत एग्ज़ाइट कर रही थी.
मैं: रेणु, मुझे लग रहा है की मैं पहली बार ही अपने को नंगा देख रही हू. मुझे नही मालूम था की मैं इतनी मस्त हू, इतनी सुंदर हू.
मैने मिरर में ही देखा की रेणु अपने सारे कपड़े खोल कर नंगी हो गयी, और मेरा बेटा भी रूम में घुसा. रेणु ने भी उसको देखा.
रेणु: विनोद, तुम्हे अपनी मा की नंगी जवानी देखनी है? उसकी छूट और चूची देखनी है? तो बैठ कर देखो. लेकिन खबरदार अगर मेरी माल को हाथ भी लगाया तो. गांद में लोहा गरम करके घुसेध दूँगी.
मुझे मिरर से सॉफ-सॉफ सब दिखाई दे रहा था. विनोद उस समय घर का पाजामा और कुर्ता पहना था. पिछली रात भी बाप और बेटे ने बारी-बारी से 2-2 बार छोड़ा था, और मेरे पति विजय ने कहा की विनोद का सिर्फ़ लोड्ा ही उनसे एक डेढ़ इंच ज़्यादा लंबा और मोटा नही है, चुदाई भी बढ़िया करता है.
लेकिन मेरे लिए अब सबसे बढ़िया चुदाई सिर्फ़ लल्लन की ही थी. सुबा रेणु के आने से पहले तक मैं बाप और बेटे के बीच नंगी ही थी. नाश्ता करने के समय मैने पति से कहा-
मैं: विजय, कल दिन में अचानक मेरे एक कॉलेज के फ्रेंड लल्लन सिंग का फोन आया. उसने कॉलेज में मुझसे कभी बात भी नही की थी. लेकिन आज मुझे मिलने के लिए बुलाया है. किसी कॅबिनेट मिनिस्टर का बेटा था, और अभी एक टेक्सटाइल कंपनी में सीनियर पार्ट्नर है.
मैं: नडा बेज़ार के संगम होटेल में रुका है. मुझे उसने 2 बजे बुलाया है. विनोद को कोई गर्लफ्रेंड रस्मी मिल गयी है. वो उससे मिलने जाएगा. मैं संगम होटेल जौ क्या?
विजय ने तुरंत जवाब दिया था: रानी, इसमे पूछने की क्या बात है? एक बार क्या, जब भी अपने दोस्तों से मिलना चाहो चली जाओ. अगर उनके साथ रात गुज़ारने का जी करे, तो बस एक फोन कर देना.
पति ने मुझे संगम होटेल जाने की और रात गुज़ारने की भी पर्मिशन दे दी. लेकिन उससे अपने बेटे की गर्लफ्रेंड में इंटेरेस्ट हो गया.
विजय: बेटा, तुम्हारे लंड और तुम्हारी चुदाई से तुम्हारी मा सॅटिस्फाइ हो सकती है. तो दुनिया की कोई भी लड़की तुमसे छुड़वा कर खुश होगी. मेरे लोड में अभी भी दूं है. अगर अपनी फ्रेंड को कन्विन्स कर सको, तो उसको माना कर घर लाओ, और हम दोनो बाप-बेटे उसको भी मिल कर छोड़ेंगे. लड़की को भी एक साथ बाप-बेटे से छुड़वा कर बहुत मज़ा आएगा.
बाप की बात सुन कर बेटे ने मा यानी मेरी तरफ देखा, तो मुझे रश्मि और विनोद से चुड़वते समय उसकी सारी बात याद आ गयी
मैं: बेटा, तुम्हारी गर्लफ्रेंड रश्मि मुझे भी बहुत पसंद आई थी. मुझे विश्वास है की अगर तुम उसको बोलॉगे, तो वो ज़रूर हमारे साथ रात गुज़ारने आएगी. चाहो तो उसके घर वालो को भी बुला लो. तुम तीनो मिल कर मुझे और रश्मि को छोड़ना.
विनोद: वो सब जगह हमे बदनाम कर देंगे की ये मस्त औरत अपने बेटे से चुड़वति है.
मैं: साली खुद रंडी है, और उसका घर वाला अपनी बीवी से धंधा करवाता है. वो हमे क्या बदनाम करेंगे. और एक बार रश्मि के घर वाले को अपनी चूची से दूध पीला दूँगी, तो हमारे बोलने पर वो अपनी मा और बेहन को भी तुमसे चुडवाएगा. मैं संगम होटेल जौंगी और तू रश्मि के घर जेया कर उसको छोड़, और रात में दोनो को साथ ले आना.
मैने पति के सामने ये सब कहा. लेकिन मेरे पति ने कुछ कॉमेंट नही किया. पिछले 23 साल से एक आदमी से चुड़वते तक गयी थी. अब जब तक मेरी छूट लंड को बर्दाश्त कर सकती थी, रोज़ नये-नये लंड को ख़ौँगी. लल्लन से तो चड़वौनगी ही, उसी को बोलूँगी की मेरे लिए नये लंड का इंतेज़ाम करे.
और उस समय कोई नया लंड नही, हमारी नौकरानी मुझे मेरे बेटे के सामने छोड़ने वाली थी. रेणु को आउटकम नही मालूम था, लेकिन मैं जानती थी की रेणु को विनोद छोड़ेगा ही, नौकरानी के सामने वो मुझे, अपनी मा को भी छोड़ेगा.
मैं अब किसी के सामने भी बेटे से छुड़वाने के लिए तैयार थी.