ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आशु है. मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 24 साल है, और हाइट 5’8″ है. रंग मेरा ज़्यादा गोरा नही है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मेरी फॅमिली में मैं, मम्मी और पापा है. मेरा कोई ब्रदर-सिस्टर नही है.
आज तक मैने काफ़ी चुदाई की है. और आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जेया रहा हू. तो चलिए शुरू करते है कहानी को.
4 साल पहले की बात है. हमारे घर के उपर का रूम खाली था. तो पापा ने सोचा, की क्यू ना उसको रेंट पर चढ़ा दिया जाए. फिर हमने न्यूसपेपर में आड डाल दी. काफ़ी लोग आए, लेकिन हमे उनमे से कोई भी भरोसे-मंद नही लगा.
फिर एक कपल रूम देखने आया. हज़्बेंड की उमर कोई 45 साल थी, और वाइफ की 40 साल. हज़्बेंड का नाम था पंकज अनेजा, और वाइफ का नाम था संगीता अनेजा. उनका कोई बच्चा नही था, और सिर्फ़ वो दोनो ही रूम में रहने वाले थे.
जब मैने पहली बार संगीता आंटी को देखा, तो मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया. गोरा चमकता रंग था उनका, और 36″29″38″ का फिगर था. उन्होने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. उनके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी. वो इतनी हॉट खूबसूरत थी, जैसे हाथ लगाने पर मैली हो जाएगी.
फिर हम लोगो ने उनको ओक कर दिया, और वो अगले ही दिन रूम में शिफ्ट हो गये. कुछ ही दीनो में मेरी मों और संगीता आंटी की काफ़ी अची दोस्ती हो गयी थी. मेरी भी उनसे थोड़ी बात हो जाती थी.
संगीता आंटी काफ़ी मॉडर्न थी. वो बाहर जीन्स और त-शर्ट्स ही पहनती थी, और घर में लेगैंग्स, त-शर्ट्स और शॉर्ट्स पहनती थी. जिस दिन वो शॉर्ट्स पहनती थी, उस दिन मुझे मूठ मारनी ही पड़ती थी.
अब मैं सोच रहा था, की कैसे संगीता आंटी मुझे उनको छोड़ने देंगी. जो बाते वो मों से करती थी, उससे तो यही पता चलता था, की वो अपनी लाइफ से बहुत खुश थी. लेकिन जल्दी ही मुझे एक सच का पता चला.
एक दिन मैं घर पर अकेला था. मों और दाद 2 दिन के लिए बाहर गये हुए थे. तभी संगीता आंटी हमारे घर आई. वो मों से मिलने आई थी. जब मैने दरवाज़ा खोला, तो वो बोली-
सगीता आंटी: बेटा मों को बुलाओ.
मैं: आंटी वो तो नही है. मों आंड दाद 2 दिन के लिए बाहर गये है.
संगीता आंटी: ओह! ये भी 3 दिन के लिए बाहर गये है. अब मैं घर पे बोर हो जौंगी.
मैं: आंटी मैं हू ना. मैं घर पर ही हू. मेरे कॉलेज का ऑफ है.
संगीता आंटी: चल ठीक है, फिर हम बाते करते है.
आंटी ने ब्लू कलर की शॉर्ट्स और येल्लो त-शर्ट पहनी हुई थी. जब वो सोफे पर बैठी, तो मेरी नज़र उनकी सेक्सी जाँघो पर ही टिकी थी. फिर हम दोनो बाते करने लगे. 2 घंटे लगातार हम बाते करते रहे. इस दौरान उन्होने मुझे अपनी सारी लाइफ के बारे में बता दिया. अब मैं उनके साथ खुल कर बात कर रहा था. फिर मैने आंटी से पूछा-
मैं: आंटी आपका कोई बेबी क्यू नही है?
ये सुन कर आंटी की आँखों में अचानक से आँसू आ गये. ये देख कर मैं बोला-
मैं: ई आम सॉरी आंटी, अगर मैने कुछ ग़लत पूच लिया हो तो.
संगीता आंटी: नही आशु, ऐसा कुछ नही है. मेरी ही किस्मत खराब है. मेरे पति इंपोटेंट है. मैने कभी उनसे प्यार किया था. और आज तक मैं उसी प्यार को निभा रही हू. उन्होने भी मुझे बहुत प्यार दिया है. लेकिन मुझे कभी वो फिज़िकल लोवे नही मिला.
ये सुन कर मुझे खुशी तो बहुत हुई, लेकिन मैं अपनी खुशी दिखा नही सकता था. फिर मैने आयेज बढ़ने की ट्राइ की. मैं आंटी के और पास गया, और उनके आँसू पोंछे. उन्होने अपना सिर मेरे कंधे पर रख लिया.
मुझे ये बिल्कुल सही वक़्त लगा, और मैने उनके होंठो पर एक किस कर दिया. किस करते ही वो मुझसे डोर हो गयी, और मेरी तरफ हैरानी से देखने लगी. तभी मैं बोला-
मैं: ई आम सॉरी आंटी. मैं आपको बहुत पसंद करता हू, इसलिए मुझसे रुका नही गया. अगर आप चाहे, तो मैं आपको वो प्यार दे सकता हू, जो आपको अंकल नही दे पाए.
आंटी खड़ी हो गयी, और बोली-
संगीता आंटी: नही आशु, ये ग़लत है.
आंटी मूह से तो माना कर रही थी, लेकिन उनकी आँखें कुछ और ही कह रही थी. फिर जैसे वो जाने के लिए मूडी, तो मैने उनको पीछे से पकड़ लिया. मैने उनको अपनी तरफ घुमाया, और अपने होंठ उनके होंठो से चिपका दिए.
30 सेकेंड मैने उनको वन साइडेड किस की. फिर उन्होने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. फिर जैसे ही मैने उनकी गांद को दबाया, तो वो किस में और वाइल्ड हो गयी. 10 मिनिट तक हम दोनो पागलो की तरह किस करते रहे. क्या स्वाद था आंटी के होंठो का, मज़ा ही आ गया.
फिर मैने उनकी त-शर्ट उतार दी, और उनकी अप्पर बॉडी को चूमने चाटने लगा. उनके बूब्स बिल्कुल काससे हुए थे. मैने उनकी ब्रा उतारी, और उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए. वो मस्ती से सिसकिय भर रही थी. क्या मज़ेदार खुश्बू आ रही थी उनके जिस्म से.
फिर मैं उनको किस करते हुए बेडरूम में ले गया. मैने उनको बेड पर लिटाया, और उनकी जाँघो को चूमते हुए उनकी शॉर्ट्स उतार दी. अब वो हुस्न की पारी मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. मैं पनटी के उपर से ही उनकी छूट में मूह मारने लगा.
फिर मैने उनकी पनटी भी उतार दी. उनकी छूट एक-दूं क्लीन थी, और पिंक कलर की फांके थी छूट की. मैने उनकी छूट पर अपना मूह लगाया, और उनको चाटने लगा. बड़ी ही मस्त खुश्बू थी उनकी छूट की.
वो मस्त हो चुकी थी, और मेरे सिर को अपनी छूट में दबा रही थी. मैं भी मज़े से उनकी छूट के मीठे पानी का स्वाद ले रहा था. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए. अंडरवेर उतारते ही मेरा 7 इंच का शेर बाहर आ गया, और आंटी के सामने हिलने लगा.
वो जल्दी से उठी, और उन्होने मेरा लंड पकड़ लिया. फिर वो बोली-
संगीता आंटी: कब से इस दिन का इंतेज़ार था.
ये बोल कर उन्होने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया. वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी. मैं भी उनके बाल पकड़ कर उनके मूह में धक्के देने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. जब इतनी खूबसूरत औरत आपका लंड चूस्टी है, तो उसका एहसास ही अलग होता है.
फिर थोड़ी देर लंड चुसवाने के बाद मैने आंटी को फिरसे बेड पर लिटाया. मैने उनकी टांगे खोली, और अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया. फिर एक ज़ोर के धक्के से मेरे लंड का टोपा उनकी छूट में चला गया.
उनकी आहह निकली, और मेरे लंड को पहली बार छूट की गर्मी का एहसास मिला. मैं प्रेशर डालता गया, उनकी आहें निकलती रही, और लंड अंदर जाता गया. जब मेरा पूरा लंड उनकी छूट में गया, तो मैं अपने चरम पर था. 2-3 धक्को में ही मेरा पानी उनकी छूट में निकल गया.
ये देख कर मैं शर्मिंदा हो गया. तभी आंटी बोली-
संगीता आंटी: कोई बात नही आशु, पहली बार में ऐसा होता है.
ये बोल कर उन्होने मुझे लिटा दिया, और मेरा लंड चूसने लगी. 5 मिनिट में मेरा लंड फिरसे तैयार था. अब वो मेरे लंड के उपर आ गयी, और लंड अपनी छूट पर सेट किया. फिर वो नीचे बैठने लगी, और मैने भी नीचे से धक्का दिया.
आंटी की चीख निकली, और लंड पूरा उनके अंदर चला गया. अब वो मेरे लंड पर उछालने लग गयी. उनके उछलते हुए बूब्स किसी जन्नत से कम नही लग रहे थे. 10 मिनिट वो ऐसे ही आ आ करके लंड पर उछालती रही.
जब वो तक गयी, तब मैं उनके उपर आ गया. मैने लंड एक ही झटके में उनकी छूट में डाल दिया, और फुल स्पीड में धक्के देने लगा. मैं उनके होंठ और बूब्स भी चूस रहा था. इतनी गर्मी थी उनकी छूट में, की मेरे लंड को आग जैसा फील हो रहा था.
हम दोनो एक-दूसरे में खो गये थे. मैं धक्के मारता जेया रहा था, और वो मुझे अपनी आगोश में लेके अपने होंठ और बूब्स चुस्वा रही थी. 20 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. जब मैने लंड बाहर निकालने की कोशिश की, तो उन्होने मुझे माल अंदर ही निकालने को बोला.