अब आयेज:-
मैं सारा वीर्या छूट से चाट कर पी गया. निशा की आँखों में थकान और कामुक नशा था. मुझसे लिपट कर मुझे चूमते हुए वो बोली-
निशा: आप ना मुझे पागल कर देते हो बहुत. क्या करते हो आप? काश आप पहले मिल गये होते. ई लोवे योउ. आप मेरे हो अब, आप ही मेरे पति हो. आप मेरे सब कुछ हो. प्लीज़ मुझसे डोर मत जाना कभी. वरना मैं मॅर जौंगी.
मैं उसके बूब्स चूमते हुए बोला: मेरी जान, तू मेरी रंडी और बीवी है. तुझे रोज़ प्यार करने अवँगा. मुझे रोका मत कर.
निशा ने मुझे गले से लगा लिया, और मेरे चेहरे पर हर तरफ चूमने लगी. चूमते हुए वो बोली-
निशा: आपको पता है मुझे आपके अंकल ने कभी ऐसा प्यार नही किया. वो हमेशा मुझसे डोर ही रहते है.
मैं: अब उसे पास आने मत देना. वरना तेरी गांद तोड़ दूँगा.
निशा: अब मुझे उसकी ज़रूरत भी नही है. मेरे पास आप हो. मैं आपकी हू.
हम दोनो ने बातरूम नंगे होके काफ़ी देर तक रोमॅन्स किया. करीब 40-50 मिनिट तक हम एंजाय करते रहे. फिर मैं आंटी को लेके रूम में आ गया. दोनो अभी भी नंगे ही थे. फिर निशा कपड़े पहनने लगी. लेकिन मैने रोक दिया. इस पर वो हेस्ट हुए बोली-
निशा: आप पागल हो क्या? नंगी पुर घर में कैसे घूमू? किसी ने खिड़की से देख लिया तो प्राब्लम हो जाएगी.
मैने भी ज़्यादा कुछ नही कहा. उसने फिर एक छ्होटी सी घुटनो तक निघट्य पहन ली. मैं नंगा ही बेड पर बैठा था. निशा किचन में खाना लेने गयी. फिर वो एक ही प्लेट में खाना लेके आई और बोली-
निशा: आज मैं अपने रियल हज़्बेंड के साथ खाना ख़ौँगी.
मैने उसे अपनी गोद में बिता लिया. वो भी खुश होके बैठ गयी. मैं उसे अपने हाथो से खिलाने लगा. वो काफ़ी खुश हो रही थी. खाते हुए मुझे बड़े प्यार से देखने लगी. मैने कहा-
मैं: क्या हुआ?
निशा: इस तरह से मैने कभी नही खाया. आप मुझे कितना प्यार करते हो. ई लोवे योउ बेबी.
ये बोलते हुए उसके आँखों में आँसू आ गये. वो मुझसे रोते हुए गले लग गयी. मैने भी उसे चूमते हुए कहा-
मैं: मेरी रानी, अभी तो बहुत कुछ बाकी है. बस तू मेरी बात मानती रहना.
निशा: हा बेबी, मैं आपकी हू. आप जैसा बोलो वैसे करेंगे.
फिर हमने खाना ख़तम किया. वो किचन में गयी. मैं बेड पर नंगा लेता हुआ था. मैने पंत से सिगरेट निकाल ली, और पीने लगा. निशा जल्दी से किचन खुश होते हुए आ रही थी. उसने मुझे सिगरेट पीते हुए देखा और कहा-
निशा: आपको स्मोक करने की आदत है. आप बिगड़ रहे हो बहुत.
मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने उपर खींच लिया, और सिगरेट उसके मूह में देते हुए कहा-
मैं: ले अब तू भी बिगड़ जेया. तोड़ा खुल कर एंजाय कर.
निशा: उम्म्म छ्चोढो, मुझे नही पीना.
मैं: अर्रे कुछ नही होगा. पी ना जल्दी.
उसने भी आँखें बंद करते हुए सिगरेट के 2 काश लिए. जिससे उसके मूह से धुआ निकल गया. उसे पीना नही आ रहा था, तो उसे खाँसी हो गयी. मैं हासणे लगा. वो भी मुझे चेस्ट पर मारने लगी.
निशा: आप ना बहुत बुरे हो. ऐसे कों करता है? मुझे खाँसी हो गयी.
मैं: अर्रे मेरी जान. पहली बार में ऐसा होता है. चल तोड़ा और पी ले.
निशा: आप ना बहुत बिगड़े हो.
मैने हेस्ट हुए और उसके होंठो एक बार चूमा. फिर सिगरेट मूह में दे दी. निशा ने इस बार ठीक से धीरे-धीरे करके 4 से 5 काश पी लिए. इस बार नॉर्मल रही. मैने कहा-
मैं: वाह मेरे रंडी. वेरी गुड. अब आया ना मज़ा.
निशा शरमाते हुए मेरी चेस्ट में मूह च्छुपाने लगी, और मेरी चेस्ट पर किस करने लगी. ऐसे ही हम 20 मिनिट तक एक-दूसरे के साथ मस्ती करते रहे. फिर वो बोली-
निशा: मैने आज तक कभी सिगरेट को च्छुआ भी नही. आपने धक्के से पीला दी. वैसे आज मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आया. लोवे योउ, लोवे योउ सो मच.
मैं: मेरी रानी, लोवे योउ टू.
निशा मेरे बदन के उपर लेती हुई थी. मैने एक हाथ उसकी गांद पर रख दिया, और दूसरे हाथ से उसके बाल पकड़ के उसके होंठो को चूसने लगा. वो भी मुझे खूब चूमने लगी. हम दोनो एक-दूसरे के होंठो को आचे से चूसने लगे. वो लिप्स किस्सिंग में पूरा साथ दे रही थी. निशा की गरम सिसकियाँ निकल रही थी.
निशा: उम्म्म उम्म्म श.
मैं: उहह उम्म्म.
मैं अपने दोनो हाथो से आंटी की गांद मसल रहा था. उसके बाद मैं निशा के गाल, आँखों, गले पर चूमने लगा. निशा भी मुझे मेरे गाल, नाक, होंठों, गले पर चूमने और चाटने लगी. वो अब मुझे चूमते हुए मेरी चेस्ट को चाटने लगी. जब उसकी ज़ुबान मेरे चेस्ट पर घूमती तो मेरी श आह निकल जाती थी. निशा मुस्कुराते हुए मुझे चूमे जेया रही थी.
दोनो काम वासना में डूब रहे थे. निशा मुझे चेस्ट से चूमते हुए मेरी नाभि पर गयी. वो नाभि को आचे से चाटने और ज़ुबान घूमने लगी. मैं उसके बालों में हाथ घुमा रहा था. कितना मज़ा आ रहा था दोस्तों, मैं बता नही सकता. निशा पुर दिल से चाट रही थी.
निशा ने चाट-चाट कर मेरे नाभि पूरी गीली कर दी थी. अब वो मेरे खड़े 7 इंच के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी. इससे मेरे मूह से सिसकियाँ निकल गयी. वो मेरे सिसकी सुन कर मुस्कुराने लगी.
मैं: श आह मेरे रानी. क्या मज़ा देती है तू.
निशा: आपको खुश कर रही हू. आप भी मुझे खुश करते हो ना. मेरा भी फ़र्ज़ बनता है अपने पति को खुशी डू.
ये बोल कर आंटी ने मेरा लंड मूह में भर लिया. दोस्त की मम्मी मेरे बड़े लंड को मूह में भर कर चूसने लगी. जब वो लंड अंदर लेती तब लंड उसके गालों में अंदर-बाहर आता चमक रहा था.
निशा मुझे देखते हुए लंड पर ज़ुबान से चाट रही थी. जिससे मेरे सिसकी निकल रही थी.
मैं: आह उहह मेरे निशा. लोवे योउ बेबी.
निशा: उम्म्म, लोवे योउ टू.
अब नेक्स्ट पार्ट में.
दोस्तों मेरी ये कहानी आपको कैसी लगी है मुझे मैल पर ज़रूर बताए.
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