ही दोस्तो, ये कहानी “मामी को जंगल में छोड़ा” का पार्ट 2 है. स्टोरी का पार्ट-1 जिसने नही पढ़ा है, पहले वो पढ़ लो. उसके बाद ये वाला पार्ट पढ़ना. दोस्तो अब स्टोरी पे आते है.
मामी को छोड़ने के बाद हम दोनो नंगे घास पे लेते हुए थे, और हाँफ रहे थे. जिस औरत की छूट और गांद छोड़ने के लिए बच्चे से लेके बुड्ढे तक का लंड खड़ा होता था, आज उस औरत की छूट को मैने छोड़ लिया था.
उनकी चुदाई करके बहुत मज़ा आया था मुझे. सच में शादी-शुदा औरत की छूट मारने में बड़ा मज़ा आता है. अब मैं उनके बड़े-बड़े मम्मो को दबाते हुए उनसे बाते कर रहा था. फिर मैने उनको बोला-
मे: मामी तेरी छूट तो बहुत ही गरम और टाइट है.
मामी: तेरे मामा मुझे छोड़ते ही नही इसीलिए.
मे: मामा नही छोड़ते, तो क्या हुआ? अब मैं छोड़ूँगा आपको रोज़.
मामी: कैसे? घर पे तो मुश्किल होगी.
मे: रात को छोड़ूँगा, मामा के सोने के बाद.
मामी ने कुछ नही कहा, और सिर्फ़ स्माइल पास कर दी.
मे: मामी तुझे गाओं में कोई लाइन मारता है या नही?
मामी: बच्चे से लेके बुड्ढे तक मारते है. हमेशा मेरी माममे और गांद घूरते रहते है.
मे: अछा, फिर तो अगर मौका मिल जाए तो तुझे पक्का कोई पेल देगा.
मामी: मैं पेलने दूँगी तब ना.
मे: मेरे जैसे ज़बरदस्ती करके पेलेगा तो पक्का मान जाएगी तू. बहुत आग भारी है तेरी छूट में.
मैं तो उनके मम्मो को मसल रहा था. बहुत ही सॉफ्ट थे यार. मेरा अब फिरसे खड़ा होने लगा. खड़ा लंड देख कर मामी बोली-
मामी: तेरा तो फिरसे खड़ा हो गया.
मे: इतनी सेक्सी औरत के माममे मसल रहा हू, तो खड़ा तो होगा ही ना.
ये सुन कर मामी हासणे लगी. फिर मैने मामी को मेरा लंड चूसने को कहा, और वो झट से मेरा लंड पकड़ कर हिलने लगी. फिर वो नीचे जेया कर लंड मूह में लेने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. उनके मूह की गर्मी ने मेरा लंड रोड जैसा बना दिया था.
वो मज़े ले-ले के रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. मैं भी मज़े से लंड चुस्वा रहा था. मुझसे रहा नही गया, और मैने उनको डॉगी पोज़ में आने को कहा. वो झट से डॉगी स्टाइल में बैठ गयी. मेरा तो उनकी गांद देख के गांद छोड़ने को मॅन करने लगा.
बहुत ही बड़ी गांद थी यार उनकी, सोचते ही खड़ा हो जाता है. फिर मैं उनकी गांद को किस करने लगा, और मसालने लगा. मैं उनकी गांद पर थप्पड़ भी मार रहा था, और इस्पे वो चिल्लाने लगती. फिर मैने उनकी गांद में उंगली डाल दी. वो समझ गयी, की मैं क्या चाहता था. फिर वो बोली-
मामी: मादरचोड़, अब गांद छोड़ेगा क्या?
मे: हा रे रंडी, तेरी बड़ी गांद को अब मैं छोड़ूँगा.
मामी: छोड़ ले, पर आराम से.
उनकी हा सुन कर मैं तो खुशी से उछाल पड़ा. फिर मैने देर ना करते हुए उनकी गांद में थूक लगाई, और एक साथ दो उंगली डाल दी. वो दर्द से आहह आहह करने लगी. फिर मैने अपने लंड पे थूक लगाई, और उनकी गांद पे सेट किया और एक धक्का दिया. लेकिन सिर्फ़ लंड का टोपा ही अंदर गया.
वो दर्द से चिल्लाने लगी और बोली-
मामी: आराम से कर ना.
फिर मैने एक और ज़ोरदार झटका दिया, और मेरा लंड पूरा अंदर चला गया. उनकी तो दर्द के कारण आँसू भी निकल गये थे. क्या बतौ दोस्तो, उनकी गांद बहुत टाइट थी. इससे मेरे लंड में भी जलन होने लगी थी.
फिर मैं धीरे-धीरे से लंड को अंदर-बाहर करके छोड़ने लगा. वो भी आ आ कर रही थी. फिर मैं बोला-
मे: अर्रे रंडी, तेरी गांद तो बहुत टाइट है.
मामी: आहह आहह पहली बार है आहह आ मादरचोड़ आहह आराम से छोड़. दर्द हो रहा है आहह आहह.
मे: रंडी को कैसे दर्द हो रहा है?
मामी: आ आहह बहुत सालों के बाद ले रही हू गांद में छूतिए, आराम से कर आहह आहह.
अब मैं उनको उस जंगल में नंगा करके मज़े से गांद पेल रहा था.
वो भी मस्त हो कर अपनी गांद हिला-हिला के छुड़वा रही थी. सुनसान जंगल में मैं अपनी मामी की इज़्ज़त के मज़े लूट रहा था. वो भी मुझसे मज़े से अपनी इज़्ज़त लुटवा रही थी.
डॉगी स्टाइल में उनको गांद पकड़ के छोड़ने में बहुत मज़ा आ रहा था. जंगल में सिर्फ़ मामी की आवाज़े आ रही थी-
मामी: आहह आहह छोड़ मुझे, आहह आहह.
ये सब करने की आवाज़े और ठप-ठप-ठप-ठप करके छोड़ने की आवाज़ गूँज रही थी. उनके मोन सुन कर मैं और ज़ोरदार झटके दे रहा था.
वो भी ज़ोर-ज़ोर से मोन कर रही ही. फिर मैं कुछ देर रुक गया, और फिर मैं उनके माममे पकड़ कर उनकी बड़ी गांद को छोड़ने लगा. बहुत ही मस्त ठप ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.
मामी और ज़ोर से चिल्लाने लगी, जिससे मुझे लगा की वो झड़ने वाली थी. इसलिए मैं और ज़ोर से उनको छोड़ने लगा. कुछ देर मैं वो झाड़ गयी. फिर मैं उनको देसी स्टाइल में पेलने लगा.
वो भी मज़े से छुड़वा रही थी. वो मुझे बोली-
मामी: यश, और ज़ोर से गांद मार मेरी. अब से ये चूत और गांद तेरी है, जब मॅन करे छोड़ मुझे.
मे: अब देखती जेया, कितना पेलुँगा तुझे. मैं पूरी रंडी बना दूँगा साली तुझे.
मामी: हा बना दे मुझे रंडी. छोड़ सेयेल.
मैं अब उन्हे छोड़ता जेया रहा था. अबौट 35 मिनिट्स बाद मेरा माल निकल गया, और वो भी मैने उनकी गांद में डाल दिया. अब मेरी उनकी गांद मारने की ख्वाहिश भी पूरी हो गयी थी, और अब जब चाहे मैं उन्हे छोड़ सकता था.
फिर कुछ देर हमने आराम किया, और मामी को कपड़े भी मैने ही पहनाए. फिर हम घर आ गये घास लेके. उसके बाद तो उनको मैने खेतो में काई बार छोड़ा. मैं कभी-कभी किचन में भी उनकी लूँगी उठा कर छोड़ता था.
वो भी पुर मज़े से मुझसे चुड़वति थी. मैं तो उनकी छूट से ज़्यादा गांद मारता था. बहुत ही कमाल की गांद थी साली की. कुछ ही दिन पहले मैने उनको शहर में अपने घर लेके गया, और वाहा पे साली को बहुत ही मज़े से छोड़ा.
घर के हर कोने में मैने उनको छोड़ा. किचन में, बेडरूम में, और बातरूम में बहुत मज़े से चूड़ी साली. फिर एक दिन मैने अपने दोस्तो को घर पे बुला कर उनसे भी मामी को चुडवाया था.
दोस्त भी मेरी मामी को छोड़ के बहुत खुश थे. वो भी मुझे कह रहे थे, की ऐसी माल को कभी नही छोढ़ेंगे.
उनके माममे और गांद अब और भी बड़े हो गये है. वो अब और भी ज़्यादा सेक्सी हो गयी है.
जो भी हो, साली एक-दूं माल हो गयी है. अब तो गाओं के काई मर्द उनको और भी ज़्यादा छूने की कोशिश करते है.
दोस्तो कहानी कैसी लगी, ये बताने के लिए मुझे मैल कीजिए. मेरी एमाइल ईद है: