ही दोस्तो, मैं हू रोमिका. प्यार से सब मुझे रोमी बुलाते है. मैं देल्ही की रहने वाली हू. मेरी उमर 25 साल है, और मैं एक मंक में जॉब करती हू. मेरी हाइट 5’6″ है, और फिगर 34″28″36″ है.
मैं इतनी मस्त दिखती हू, की कोई भी मर्द मुझे बिना देखे पास से नही गुज़रता. मेरा रंग ज़्यादा गोरा नही है, इसके बावजूद भी मैं मर्दो के दिल की धड़कन तेज़ कर देती हू. 6 महीने पहले मेरी शादी हुई है, और उसके बाद मैने वो किया, जो कभी सोचा भी नही था. तो चलिए कहानी शुरू करते है.
मेरी फॅमिली में मम्मी, पापा और एक बड़ी बेहन है. मेरी बड़ी बेहन मुझसे 2 साल बड़ी है, और उसकी शादी 3 साल पहले हो चुकी है. मेरे जीजा जी की फॅमिली गाओं में है, और वो और दीदी देल्ही में ही रहते है. जीजा जी का नाम रमण है, और दीदी का रीना है.
मेरा उन दोनो के साथ बहुत प्यार है, और शादी से पहले मैं कभी भी उनके घर चली जाती थी. वो दोनो बड़े खुश थे, और एक-दूसरे का बहुत ख़याल रखते थे. बस ऐसा समझ लीजिए की उनकी जोड़ी रब ने बनाई थी. जीजा जी मुझे अपनी छ्होटी बेहन मानते थे, और मैं भी उनको भाई मानती थी.
फिर मेरी शादी रौनक के साथ हो गयी. रौनक मेरी ही कंपनी में जॉब करता था, और मैं उसको पहले से जानती थी. लेकिन ये लोवे मॅरेज नही थी. रौनक ने अपनी फॅमिली से बोल कर मेरी फॅमिली को अप्रोच किया था.
लड़का अछा था, तो घरवाले भी मान गये. फिर हमारी शादी हो गयी, और हम हनिमून पर गये. हनिमून पर जाके मुझे पता चला, की मेरी तो किस्मत ही फूट गयी थी. रौनक का लंड सिर्फ़ 3 इंच का था, और उपर से वो ज़्यादा देर टिक भी नही पता था.
15 दिन के हनिमून पर रौनक ने तो खूब मज़ा किया. लेकिन मुझे एक पल की भी एंजाय्मेंट नही मिली. फिर हम वापस आ गये. वापस आते ही दीदी ने हम दोनो को डिन्नर पर बुलाया. फिर मैं और रौनक दीदी के घर पहुँच गये.
जब हम डिन्नर की टेबल पर बैठे थे, तो जीजू दीदी के साथ शरारत कर रहे थे. उनकी शराराते देख कर मुझे उनके लिए खुशी, और अपने लिए दुख हो रहा था. डिन्नर के बाद हम घर आ गये. रात को रौनक और मेरे बीच सेक्स हुआ, लेकिन हर बार की तरह सिर्फ़ वो ही शांत हुआ.
जब रौनक सो गया, तो मैं बातरूम में चली गयी. वाहा जाके मैने फिंगरिंग करने का डिसाइड किया. मैं पोत पर बैठ गयी, और मैने अपनी छूट सहलानी शुरू कर दी. तभी पता नही क्यू मेरे मॅन में जीजू का ख़याल आया.
उनका ख़याल आते ही मैं ज़्यादा उत्तेजित हो गयी, और छूट सहलाती रही. 5 मिनिट बाद मेरी छूट ने बहुत सारा पानी छोढ़ा. और ये पानी मेरे जीजू के नाम का था. फिर मैने सोचा, की मैं अपने जीजू से अपनी छूट शांत करवा सकती हू.
और उस दिन मेरी छूट की आग मेरे दिल और दिमाग़ पर हावी हो गयी. अगले दिन से मैं जब भी जीजू से मिलती, तो उनको हॉर्नी नज़रो से देखती. मैं उनको कभी अपने बूब्स दिखती, तो कभी झुक कर गांद के दर्शन करवाती.
कुछ ही मुलाक़ातो में जीजू को भी इस बात का एहसास हो गया था. फिर वो दिन आ गया. मैं ये जानती थी, की हर वेडनेसडे को जीजू ग्रोसरी का समान लेने माल में जाते थे. वो अकेले ही जाते थे, तो मैं भी वाहा पहुँच गयी.
मैने फॉर्मल ट्राउज़र्स और शर्ट पहनी हुई थी, क्यूकी मैं ऑफीस से सीधा वाहा गयी थी. जीजू के सामने जाने से पहले मैने अपनी शर्ट के 2 बटन खोल दिए, ताकि उनको मेरी क्लीवेज के दर्शन हो जाए. फिर मैं उनके सामने गयी.
मैं: ही जीजू.
जीजू: रोमी, तुम यहा कैसे?
मैं: वैसे ही कुछ शॉपिंग करनी थी.
फिर मैने जीजू की ट्रॉली में ही समान डालना शुरू कर दिया. मैं बार-बार उनके हाथ पे हाथ रख देती, और जब वो मेरी तरफ देखते, तो मैं स्माइल पास कर देती. फाइनली जीजू बोले-
जीजू: रोमी ये क्या हो रहा है?
मैं: क्या जीजू?
जीजू: भोली मॅट बनो, तुम्हे सब पता है.
मैं: क्यू आपको अछा नही लगा?
जीजू: मैं तुम्हारा जीजा हू. तुम्हारी बेहन का पति.
मैं: हा पता है. लेकिन मेरे बाय्फ्रेंड तो बन सकते हो?
जीजू: रोमी तुम्हारी अभी-अभी शादी हुई है.
मैं: लेकिन ऐसे हज़्बेंड का क्या फ़ायदा, जो आपको खुश ना कर सके.
जीजू: मतलब तुम दोनो के बीच कुछ ठीक नही है?
मैं: उसके लिए तो सब ठीक है, लेकिन मेरे लिए कुछ भी नही.
फिर मैने जीजू को अपनी बाहों में पकड़ लिया और बोली-
मैं: जीजू प्लीज़ हेल्प मे. किसी को कुछ पता नही चलेगा.
जीजू: रोमी कोई देख लेगा.
मैं: मुझे किसी की परवाह नही है.
जीजू: चलो तुम कल शाम को मुझसे मिलना. तुम्हारी दीदी फ्रेंड के घर जाने वाली है, तो हम आराम से बात करेंगे.
मैं: ओक.
फिर अगली शाम मैं तैयार होके जीजू के घर चली गयी. मैने ब्लॅक जीन्स और ब्लू टॉप पहनी हुई थी. रौनक को मैं किसी काम का बहाना करके आई थी. जीजू ने दरवाज़ा खोला, और मुझे सोफा पर बैठने को कहा.
फिर जीजू अंदर चले गये. तभी लाइट चली गयी, और अंधेरा हो गया. मुझे कुछ नज़र नही आ रहा था, तो मैने जीजू को आवाज़ दी. तभी मुझे अपनी कमर पर किसी के हाथ महसूस हुए. वो हाथ जीजू के थे.
जीजू ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, और मेरी पीठ पर किस करने लगे. मैं तो पहले ही सेक्स के लिए तड़प रही थी, तो मैने उनको रोका नही. फिर जीजू मेरे बूब्स दबाने लगे. वाह, क्या मज़बूत पकड़ थी उनकी.
जीजू ने मुझे अपनी तरफ घुमाया, और किस करने लग गये. मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी. वो मुझे किस कर रहे थे, और मेरी गांद ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे. तभी लाइट आ गयी.
जीजू बस टवल में थे, और उनका खड़ा हुआ लंड टवल मे टेंट बना रहा था. मैं तो उनको ऐसे देख कर खुश हो गयी. मेरी छूट उनके लंड को आवाज़ देने लगी. मैने झट से उनका टवल उतार दिया, और उनका 7 इंच का लंड मेरे सामने आ गया.
मैं उसी वक़्त अपने घुटनो पर बैठ गयी, और मैने जीजू का लंड पकड़ लिया. फिर मैने उनको देख कर स्माइल की, और लंड मूह में डाल कर चूसने लगी. क्या मज़ा आ रहा था उनका लंड चूस कर. जीजू ने मेरे सिर को बालो से पकड़ा, और मूह में ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगे.
वो बार-बार मुझे चोक कर रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उन्होने मुझे खड़ा किया, और मुझे घुमा लिया. उन्होने पीछे से मेरी टॉप उतार दी, और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. फिर उन्होने मेरे बूब्स पर हाथ डाले, और उनको ज़ोर से दबाने लगे.
.! क्या सुकून मिल रहा था मुझे. फिर उन्होने मुझे अपनी तरफ घुमाया, और मेरे बूब्स चूसने लगे. वो इतनी ज़ोर से बूब्स चूस रहे थे, की मेरे निपल्स लाल हो गये थे. फिर उन्होने मुझे ज़ोर से . दिया, और मैं बेड पर . गयी.
वो मेरे उपर आए, और मेरी जीन्स उतार दी. फिर उन्होने मेरी पनटी ., मेरी छूट को चाटने लगे. मुझे आज . मज़ा मिल रहा था, जो एक मर्द ही दे सकता था. फिर वो मेरी टाँगो के बीच आए, और अपना लंड मेरी छूट पर रगड़ने लगे. मैं अब लंड लेने को तैयार थी.
फिर उन्होने एक ज़ोर का . मारा, और उनका आधा लंड मेरी छूट में चला गया. मेरी ज़ोर की चीख निकल गयी, और जीजू ने मेरा मूह अपने मूह से बंद कर लिया. उन्होने ज़ोर-ज़ोर दे धक्के देने मेरी छूट पूरी फाड़ दी, और उनका पूरा लंड अब मेरी छूट में था.
दर्द से मेरी आँखें बाहर आ गयी थी. 2-3 मिनिट में मेरी छूट अड्जस्ट हो गयी, और मुझे मज़ा आने लगा. फिर मैं जीजू की गांद पर हाथ रख कर उनको अपनी तरफ खींचने लगी. जीजू स्पीड बढ़ते गये, और मज़ा भी बढ़ता गया.
आज मेरी छूट को बहुत सुकून मिल रहा था. जीजू मेरी गर्दन और बूब्स पर किस कर रहे थे, और दांतो से काट रहे थे. आज एक असली मर्द मुझे छोड़ रहा था. 10 मिनिट में मैं झाड़ गयी, लेकिन जीजू अभी नही झाडे थे.
फिर उन्होने मुझे घोड़ी बनाया, और मेरी गांद देख कर खुश हो गये. उन्होने मेरी गांद पर थप्पड़ मारा और बोले-
जीजू: क्या कमाल की गांद है तेरी. कब से मेरी नज़र इस्पे थी.
मैं बोली: क्या मतलब जीजू?
जीजू: अर्रे इतनी मस्त गांद का मज़ा कों नही लेना चाहेगा.
तब मुझे पता चला, की जीजू पहले से ही मुझे छोड़ना चाहते थे. फिर जीजू ने अपना लंड मेरी गांद में घुसा दिया. मैं चीखे मार रही थी, और दर्द से मेरी जान निकल रही थी. मेरी गांद से खून भी निकल आया था. लेकिन जीजू मुझ पर बिना रहम किए मुझे छोड़ते रहे.
जीजू ने मुझे इतना छोड़ा, की मेरी बरसो की प्यास बुझा दी. एंड में जीजू ने अपना पानी मेरी गांद में ही निकाल दिया. फिर वो बोले-
जीजू: आज से तू मेरी रंडी है रोमी.
मैं: हा जीजू, आज से मैं आपकी रंडी हू. आप जब चाहो मुझे छोड़ सकते हो.
और इस तरह से मैं अपने जीजू की रंडी बन गयी.