ये बात उस समय की है, जब मेरे और मेरी गर्लफ़्रेंड शनाया के रिलेशन को पांच साल पूरे होने वाले थे और मेरी गर्लफ़्रेंड ने मुझे सरप्राइज़ देने का प्लान किया था.
सालगिरह के दिन रात 12 बजे मुझे शनाया ने फ़ोन किया. पांच साल पूरे होने पर हम दोनों बहुत खुश थे.
शनाया ने मुझसे कहा- मैं एक बहुत अच्छा गिफ़्ट लायी हूँ, तुझे बहुत पसंद आएगा.
मैंने पूछा कि क्या गिफ़्ट लाई है?
शनाया ने कहा- ये सरप्राइज है … और इस गिफ़्ट को लेने के लिए मुझे सुबह घर से बाहर रहना होगा.
उसके अनुसार वो गिफ़्ट मुझे घर पर ही मिलेगा.
मैंने कहा- ठीक है.
सुबह मैं घर से चला गया और चाबी वहीं गमले के नीचे रख कर गया.
मुझे दस बजे शनाया का फ़ोन आया, उसने मुझसे घर आने को कहा. मैं घर आ गया.
घर पर पहुंचते ही शनाया ने मुझे गले लगा लिया और किस करने लगी.
किस करने के बाद मैंने पूछा- मेरा सरप्राइज़ कहां है?
उसने मुझे चूमते हुए कहा कि तुम्हारे बेडरूम में तुम्हारा गिफ़्ट है.
मैं बेडरूम में गया और देखा कि शनाया की सहेली मानसी बेड पर बैठी थी.
मैंने उसे हाई कहा और बाहर आकर शनाया से पूछा कि आज के दिन मानसी यहां क्या कर रही है?
शनाया ने कहा- यही तेरा गिफ़्ट है. आज मानसी तेरी है, तू उसके साथ जो चाहे कर सकता है.
मैंने खुश होकर शनाया को गले लगा लिया और थैंक्यू कहा. शनाया ने मुझे अन्दर जाने को कहा. मैं वापस बेडरूम में गया और मानसी के पास जाकर बैठ गया.
मैंने मानसी से पूछा- तुम्हें कोई दिक़्क़त तो नहीं है?
मानसी ने हंस कर कहा- नहीं. यदि दिक्कत होती तो मैं इधर आती ही क्यों? मुझे तो बहुत ख़ुशी हो रही है कि आज मैं तुम्हारे साथ कुछ पल बिताने आई हूँ.
मैंने उससे पूछा- क्या तुम पहले भी सेक्स कर चुकी हो?
उसके कहा- नहीं, मैं आज पहली बार चुदने जा रही हूँ.
ये सुनते ही मेरे लंड में तो मानो बिजली भर गई थी.
मैंने उसे सहलाते हुए कहा- फिर तो ठीक है. आज मेरे साथ तुम्हें भी भरपूर मजा आएगा.
वो खुश होकर मेरे गले से लग गई. मैंने मानसी को किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैंने किस करते करते ही उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल दिया और उसके दूध दबाने लगा. वो सिसियाने लगी.
मैंने उसका टॉप और ब्रॉ को उतार दिया और उसके अनछुए मम्मों पर टूट पड़ा. वो भी अपने मम्मों को चुसवाने का मजा लेने लगी और मेरे लौड़े पर हाथ फेरने लगी.
मानसी के दोनों मम्मों को कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपनी पैंट उतारी और उसके सामने चड्डी में ही अपना लंड सहलाना शुरू कर दिया. वो मेरे लंड के उभार को बड़े प्यार से देखने लगी.
मैं उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया और वो चड्डी के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी.
कुछ देर बाद वो बिस्तर से उतर कर मेरे सामने बैठ गई और उसने मेरी चड्डी खींच कर उतार दी. मेरा लम्बा लंड उसके सामने आ गया. मैंने उससे लंड चूसने को कहा. उसने लंड मुँह में लिया और चूसने लगी. मैं उसके मुँह में धक्के देने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उससे टट्टे चाटने को कहा. उसने पूरे पूरे टट्टे मुँह में लेकर खींच खींच कर चाटे और फिर मुँह में लंड ले लिया. लंड चुसाई का मजा लेने के बाद मैंने उसे उठा कर बेड पर लेटा दिया. मैं उसकी जींस को खींच कर उतारने लगा.
मानसी की जींस उतारने के बाद वो सिर्फ़ पैंटी में मेरे सामने पड़ी थी. मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाया, फिर हल्के से उसकी पैंटी को उतारने लगा.
अगले ही पल उसकी साफ़ चूत मेरे सामने आ गई. उसकी लाल गुलाबी और एकदम गोरी चूत को देखकर मैं पूरे जोश में आ गया, उसकी चूत पर जीभ रख कर चाटने लगा.
चूत की गहराई में जीभ जाते ही मानसी को बहुत मज़ा आने लगा. वो अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी. चूत चाटने के बाद मैंने उसकी टांगें फैलाईं और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा. मानसी लंड पेलने के लिए कहने लगी.
मैंने धीरे से धक्का मारा और लंड का टोपा चूत में घुस गया. मानसी की आंखें फ़ैल गईं और उसकी घिग्घी बंध गई. उसकी आवाज हो नहीं निकली.
मैंने जल्दी से उसके एक दूध को जोर से मरोड़ा तो वो दर्द से आह आह करने लगी और मुझसे लंड निकालने की कहने लगी. मैं रुक गया और उसे प्यार करने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में हाथ लगाया तो थोड़ा सा खून मेरे हाथ में आ गया. मैं समझ गया कि मानसी की चूत की सील टूट चुकी है. मानसी को सील टूटने पर दर्द हो रहा था, वो बार बार मुझसे लंड बाहर निकालने को कह रही थी.
मैंने लंड बाहर निकाला और शनाया को आवाज दी. शनाया कमरे में आ गई. मैंने उससे थोड़ा तेल मंगवाया. शनाया तेल लेकर आई. उसने थोड़ा तेल मेरे लंड पर लगाया और थोड़ा सा अपनी सहेली की चूत पर लगाया.
मैंने वापस लंड चूत पर रखा और धक्का दे दिया. इस बार लंड अन्दर तक घुस गया. हालांकि मानसी को दर्द हो रहा था लेकिन थोड़े धक्कों के बाद उसे मज़ा आने लगा. उसे चुदने का सुख पहली बार मिल रहा था. मानसी मुझे कसके पकड़ रही थी और आह आह करके सिसकारियां ले रही थी.
क़रीब बीस मिनट चोदने के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने उससे कहा- मेरा रस निकलने वाला है.
वो भी झड़ने को तैयार ही थी. थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उसे अलग किया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. मुँह में लंड दे कर मैंने रस झाड़ दिया. उसके मुँह में मेरा लंडरस भर गया था.
मैंने मानसी से पूछा- कैसा लगा?
वो बहुत खुश थी, मुझसे कहने लगी- शनाया मुझे रोज़ तुम्हारी चुदाई के बारे में बताती थी. मुझे उसकी बातें सुनकर बहुत मज़ा आता था और अपनी चुदाई करवाने का भी मन करता था.
मैंने मानसी से पूछा- फिर?
मानसी- मैंने शनाया से एक दिन मज़ाक़ में कहा कि मुझे भी यार तेरे बॉयफ्रेंड से चुदाई करना मिल जाए, तो मजा आ जाए. वो तुझे कितने अच्छे से चोदता है.
मैंने मानसी से पूछा- फिर शनाया ने क्या कहा?
उसने बताया कि शनाया ने फट से मुझे कह दिया कि अगर तू कहे तो बात कर सकती हूँ. शनाया ने जैसे ही ये कहा, तो मैं फट से मान गई.
ये सुनकर मैंने मानसी को अपने सीने से लगा लिया और उसे प्यार करने लगा. मैंने मानसी से कहा कि अब से तुम्हें जब भी चुदना हो, मेरा लंड तुझे चोदने के लिए तैयार है.
कुछ देर बाद हम दोनों का फिर से मूड बनने लगा. इस बार मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा. वो समझ गई कि मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ. पहले तो वो डरने लगी, वो बोली- क्या पीछे की लोगे?
मैंने कहा- हां तभी तो मजा आएगा.
वो बोली- उधर दर्द होगा.
मैंने कहा- दर्द का क्या है, वो तो पहले बार में आगे भी हुआ था. एक बार पीछे से लेना शुरू कर दोगी तो उधर से भी मजा आने लगेगा.
वो मेरी बात मान गई.
मैंने उससे कहा- तुम डरो मत … मैं तेल लगा कर लंड घुसाऊंगा, तुझे ज़्यादा दर्द नहीं होगा.
वो मान गई.
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया. अपने लंड पर और उसकी गांड पर खूब सारा तेल लगाया. एक उंगली से गांड ढीली की फिर दो उंगलियों से गांड ढीली की. इससे उसे मजा आया तो वो लंड से गांड मारने की कहने लगी.
अब मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे धक्का मारने लगा. फिर थोड़ा ज़ोर दिया और लंड गांड में घुस गया. वो दर्द से चिल्लाने लगी पर मैं चोदता रहा. थोड़ी देर बाद वो भी मज़े ले रही थी.
करीब दस मिनट तक गांड की चुदाई के बाद मैंने उसे अपने लंड पर बैठा लिया और उसे उछालने लगा. वो भी उछल उछल कर लंड ले रही थी.
थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उसे अलग किया और अपना लंड उसकी चूत में दे दिया. दो चार झटके चूत में मार कर मैंने फिर से उसकी गांड में लंड घुसा दिया और अंदर ही झड़ गया.
इस तरह मानसी के साथ चुदाई के बाद मैं बाहर आया.
बाहर शनाया ने मुझसे पूछा- कैसा रहा?
मैंने कहा- कुंवारी चूत गांड चोदने में मज़ा आ गया.
फिर मैंने शनाया से कहा- आज रात तुम दोनों यहीं रुक जाओ. तीनों मिलकर चुदाई का मजा करेंगे. शनाया को भी चुदाई का मन था. वो रुक गई.
उस रात को हम तीनों ने मस्त चुदाई का मजा लिया. पूरी रात चुदकर शनाया मानसी दोनों मेरे साथ नंगी सो गईं.