ही दोस्तो, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज पढ़िए..
अब सुखी और अंजलि बाबा की गुफा मे चली गयी और बाबा जी के चेलो ने उन दोनो को कुटिया बन कर आयेज जाने के लिए बोल दिया.
अंजलि और सुखी उनकी बात मान कर कुटिया बन गयी और अंदर जाने लगी. फिर थोड़ी देर बाद एक चेला और आ गया और बोला-
चेला: चलो अब अपनी गांद उपर करो. तुम दोनो की सेवा होगी.
अंजलि आयेज थी और उसको लगा, की डंडे की मार उसको ज़्यादा पद जाएगी. फिर उसको याद आया, की सुखी से तो बच्चे के नाम पर कुछ भी करवा सकते है. तब उसके सोचा, की वो सुखी को आयेज कर देगी, जिससे ज़्यादा मार सुखी को पद जाएगी और वो खुद बच जाएगी.
फिर अंजलि आयेज गयी और आयेज आते ही उसकी गांद पर एक डंडा पड़ा. जैसे ही उसकी गाड़ डंडा पड़ा, तो उसकी गांद फटत गयी और वो आहह ऑश की आवाज़े निकालने लग गयी.
अब अंजलि को दर्द हो रहा था. तभी उसने देखा, की उसको दूसरी बार डंडा पड़ने वाला है. उसने डंडे वाले बाबा को कहा-
अंजलि: बाबा जी, वो जो पीछे औरत आ रही है, आप उसकी पिटाई कर लो.
अंजलि ने बड़े सेक्सी अंदाज़ से बाबा को ये बात बोली थी और बाबा भी उसकी ये बात मान गया. ये बात बोल कर अंजलि जल्दी से आयेज बढ़ गयी. अब उसने अपनी पिटाई भी सुखी के नाम कर दी.
पीछे सुखी को भी डंडा पड़ने का सोच कर दर्र लग रहा था. अंजलि के जाने के बाद बाबा ने सुखी की तरफ देखा और उसको आयेज आने का इशारा किया. बाबा के हुकुम का पालन करते हुए, सुखी धीरे-धीरे अपनी गांद मतकाती हुई आयेज बढ़ने लगी.
सुखी की गांद काफ़ी बड़ी थी. जैसे ही वो अपनी गांद लेके बाबा के पास पहुँची, तो बाबा ने उसको बोला-
बाबा: चल अब अपनी गांद उठा.
फिर सुखी ने अपनी गांद को उठा लिया और तभी एक-दूं से सुखी की गांद पर सेक्सी तरीके से एक डंडा पड़ा. डंडा पड़ते ही सुखी की जान निकल गयी, क्यूकी बेब ने काफ़ी तेज़ी से उसकी गांद पर डंडा मारा था.
इतनी ज़ोर का डंडा पड़ने से, सुखी के मूह से एक ज़ोर की सेक्सी सी चीख निकली, जिसकी आवाज़ पूरी गुफा मे गूँज गयी. जब बाबा ने सुखी के मूह से आहह आहह की आहें और ‘मार दिया रे’ के शब्द सुने, तो वो समझ गया, की सुखी को काफ़ी दर्द हो रहा था.
उसका दर्द देख कर बाबा एक मिनिट के लिए रुक गया. फिर जैसे ही सुखी का दर्द तोड़ा कम हुआ, एक और ज़ोर का डंडा, चटाक़ करके उसकी गांद पर पड़ा. उसके बाद दे दाना दान डंडे सुखी की गांद पर पड़ने लग गये.
इतने सारे डंडे पड़ने से सुखी को बहुत दर्द हो रहा था और सुखी आहह आहह ऑश ऑश कर रही थी. अब सुखी की गांद फटने को तैयार हो रही थी. सुखी से अब दर्द सहन नही हो रहा था और वो अब तक उसकी गांद पर 20 डंडे पद चुके थे.
फिर थोड़े और डंडे मारने के बाद सुखी को आयेज चलने को बोला गया. ये सुन कर सुखी की फटत-ती हुई गांद को थोड़ी राहत मिली. सुखी की गांद की इतनी डंडा-परेड हुई थी, की अब उससे चला नही जेया रहा था.
तभी सुखी ने देखा, की अंजलि उसकी तरफ देख रही थी. अंजलि जल्दी से सुखी के पास आई और उसकी गांद को मसलना शुरू कर दिया. तभी सुखी ने कहा-
सुखी: यार मेरी तो गांद ही फटत गयी.
ये सुन कर अंजलि बोली: मुझे माफ़ कर दो सुखी. मुझे पता नही था, की ये सब होने वाला है.
तभी सुखी ने कहा: आपकी तो बस एक डंडे से पिटाई हुई है, तो मेरी गांद पर 10-10 डंडे क्यू मारे गये?
अंजलि ने हस्स कर सुखी को इस बात का जवाब दिया-
अंजलि: क्यूकी तेरी गांद बड़ी है, तो इसलिए तेरी गांद पर ज़्यादा डंडे पड़े है.
ये सुन कर सुखी को भी हस्सी आ गयी. फिर अंजलि ने सुखी से कहा-
अंजलि: चलो अब अंदर चलते है.
सुखी: चलो.
और वो दोनो अंदर की तरफ चली गयी. सुखी और अंजलि अंदर जेया रहे थे. तभी उनके सामने 2 बाबा आ गये.
उन दोनो के लंड खड़े हुए थे. सुखी उनको देख कर दर्र गयी और सोचने लग गयी, की अब उनके साथ क्या होने वाला था.
अब अंजलि और सुखी ने ये देख लिया था और उन दोनो को दर्र लग रहा था. फिर अंजलि और सुखी ने एक-दूसरे की तरफ देखना शुरू कर दिया और उन दोनो ने बाबा से बात करनी शुरू कर दी.
अंजलि और सुखी उन दोनो के लंड चूसने के लिए तैयार हो गयी. लेकिन प्राब्लम ये थी, की कों किसका लंड चूसेगी. उन दोनो के लंड काफ़ी बड़े-बड़े थे. एक का लंड 10 इंच का था और दूसरे का लंड 13 इंच का था और अब उन दोनो को काफ़ी मज़ा आने वाला था.
फिर सुखी ने बोला: मई बड़े वाला लंड चूसूंगई.
ये बोल कर सुखी बड़े वाले लंड के पास गयी और अंजलि छ्होटे वाले लंड के पास चली गयी. सुखी ने लंड पर अपनी जीभ को फिरना चालू कर दिया, जिससे बाबा को मज़ा आने लग गया. उधर अंजलि ने भी दूसरे बाबा के लंड को चाटना शुरू कर दिया था और उसको मज़ा देने लगी.
अंजलि को भी लंड चाटने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अब अंजलि और सुखी दोनो ने लुंडो को मूह मे डाल लिया और चूसना शुरू कर दिया. वो दोनो ज़ोर-ज़ोर से लुंडो को चूस रही थी. दोनो बाबा भी पुर मज़े मे थे.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद अंजलि वाले बाबा का पानी निकल गया. अंजलि ने उसका सारा पानी पी लिया और चाट-चाट कर लंड सॉफ कर दिया. तभी सुखी वाले बाबा का भी पानी निकल आया और उसने भी सारा पानी चूस लिया.
उसके बाद अंजलि और सुखी आयेज जाने लगी. वो दोनो अभी भी कुटिया बनी हुई थी. फिर बाबा ने सुखी और अंजलि के बूब्स मे एक-एक नोट डाला और पूछा , की उन दोनो मे से बच्चा किसको चाहिए. तभी अंजलि ने कहा-
अंजलि: मुझे बच्चा चाहिए.
उसी वक़्त बाबा ने अंजलि को उसके साथ जाने के लिए बोला. ये सुन कर पास खड़ी सुखी ने कहा-
सुखी: मई भी चालू क्या साथ मे.
इस्पे बाबा ने बोला: नही जी, आप नही चल सकती.
ये सुन कर सुखी पीछे हॅट गयी. फिर बाबा अंजलि को अंदर ले गये और बोला-
बाबा: अब तेरी पूजा होने वाली है और साथ मे ही तेरे को बाबा के साथ करना है. तेरे बाबा के साथ चुदाई करने के बाद, तेरी दोस्त भी बाबा के साथ चुदाई करेगी. बाबा के साथ करने के बाद हम 7 लोग और है. उनके साथ कैसे करेगी?
अंजलि ने कहा: दो तो मई ही संभाल लूँगी. बाकी सारे उसके पास भेज देना.
फिर बाबा ने कहा: चलो अब तुम उस रूम मे चली जाओ.
अंजलि ने बाबा की बात मान ली और वो चुप-छाप बाबा के रूम मे चली गयी.
अब सुखी दूसरी तरफ कुटिया बनी हुई थी. तभी उसके पास एक बाबा आया और सुखी को भी लेकर गये. बाबा ने सुखी को बोला-
बाबा: तुझे भी पूजा करनी होगी.
अब आयेज क्या होने वाला है, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. कहानी की फीडबॅक देने के लिए मुझे मैल ज़रूर करे.