मेरा नाम सुषमा है, मै एक हाऊस वायीफ हू, मेरी उमर ४२, मेरे पती मेरेसे २० सालो से बडे है, उनकी उमर ६२ है. बोलते है ना प्यार अंधा होता है, उमर ये सब कूच नही होता. चलो मै आप को कहानी बताती हू.
ये कहानी है मै और मेरे बेटे कि, उस्का नाम राजन है वो २० साल का है, वो मुझे अंम्मा ही बोलता था. हमारे दो घर है. एक बहुत पुराना है जिसमे गर्मी होती है, और इसलिये हमने एक फ्लॅट भी लिया है, जो घर के नसदीक हि है, फ्लॅट जाडा बडा नही है हॉल, बेडरूम और रसोई है. संडास बाथरूम अलगसा है. मेरे पती जाडा फ्लॅट पे हि होते है और हम पुराने घर, बेटा भी पुराने घर हि जादा होता है. कभी कभी वो फ्लॅट कि चाबी मांगता था जब पापा नही होते तब और मै भी उसें चाबी देती थी. कुछ दिनोसे वो नाराज था, घुसेमे था, हम दोनो मे माँ और बेटे मे झगडा हुआ था. वो चाबी मांगता था और मै कुछ कारण देके मना करती थी.
ऐसा काफी बार हुआ वो चाबी
मांगता था और मै देती नही थी. सच बात तो ये है मुझे उस्का मेरे पास होना अच्छा लगता था. वो जब घर होता था तब उलटा सो के अपना टोटो (लिंग) गद्दी को घिसके हस्थमैथुन करताथा, ये मैने कयी बार देखा था और वो देख ना मुझे अच्छा भी लागता था. बोलो ना के मुझे उके हस्थमैथुन देखनेकी आदत हि लगी थी. एक बार ऐसे हि झगडा हुआ….
वो बोला “अंम्मा, मुझे फ्लॅट कि चाबी दो”
मैने कहा “नही दूंगी, पापा आने के बाद दूंगी, बेटे ने कहा “मै क्या छोटा हू बच्चा हू क्या अभी”
हम दोनो मे झगडा सुरू हुआ और वो जादा हुआ. मै ने घुसे मे आके चाबी फेक दि उसकी तरफ.
वो चाबी लेके चला गया. शाम हो गयी जाते वक्त बोला “मै आज बाहर हि खाना खाऊंगा दोस्तो के साथ”
सच बोलू तो वो मुझे यहा चाहिये था. और मै भी ये भूल गयी थी के हमारे पुराने घर मे रिनोवेशन का काम चल राहा है और इसके पापा याने मेरे पती उनके फ्रेंड्स के साथ बाहर गये है. अब मै और मेरा बेटा हि था घर.तो मैने भी सोचा आज रात को मै हि फ्लॅटपे जाती हू आज फ्लॅट पे हि सोती हू.
रात हो गयी, बाहर काफी थंडा था, बारिश का मौसम था, करीब १० बजके 15 मिनिट मैने हमारी रूम लॉक कि और फ्लॅट मे निकली. मैने सोचा चलके हि जाती हू १० मिनिट हि लगेंगे. अचानक रस्ते मी बारीश लगी और मै पुरी भिग गयी, मैने अपना पल्लू मेरे खन्दे पे लिया क्यो के मेरे उरोज चुची बडे है,
मै वैसे तो काफी चुबी हू, मेरी साईझ थोडी बडी है, 36 डबल डी का ब्रा पेहनती हू याने आप तो समझे हि होंगे के मेरी साईझ क्या हो सकती है, उरोज ४३, कमर ३२, और नितंब 50 मेरे नितंब ये मेरे चुची यो से काफी बडे और बाहर निकले हुए है, मुझे लगा हि आज कुछ अलग होगा, मै बिल्डिंग आयी फ्लॅट कि बेल बेजायी, बेटे ने दरवाजा खोला, घर मे थोडा अंधेरा हि था, बेडरूम, हॉल का लाईट ऑफ खाली रसोई का लाईट चालू था वो भी छोटा सा. हा मै अब अंदर आ गयी, और दरवाजा लगा दिया, मै पुरी तरह भिगी थी, साडी गिली मेरे.
मेरे उरोज को चिपकी हुई थी..मेरे उरोज तो बाहर हि गिले पन से बाहर आने कि कोशिश कर रहे थे.
मै अंदर आ गयी और देखा तो राजन मेरा बेटा लुंगी पे था, मेरी नजर उके लुंगी पे पडी उस्का टोटो काफी बडा हुआ था इतना बडा के खाली लुंगी से बाहर आना बाकी था. मुझे देख ते हि वो बावरा हो गया डर गया. मै वैसे हि उसके टोटो को देख रही थी और वो शरम से अपनी गर्दन नीचे झुकाके खडा था और बीच बीच मे मेरी तरफ देख रहा था.
मैने कहा “बेटे बारिश आयी रे आते वक्त अचानक”
बेटे ने कहा “अंम्मा आप कैसे आ गयी”
मैने कहा “क्यो? अगर तू आ सकता है तो मै क्यो नही आ सकती “मैने साडी का पल्लू निकाला
और बेडरूम मे जाते जाते हि साडी निकाल ना सुरू किया.
अंदर बेड पे देखा. और बेटे को आवाज दिया “राजन जरा इधर तो आना” वो डर ते डर ते आगया.
मैने कहा “कुछ है क्या पेहन ने केलीये??” बेटे ने कहा “क्या?” मैने कहा “अरे मै गिली हू कुछ तो दे मुझे पेहन ने के लिये” बेटे ने कहा ” अंम्मा, एक शर्ट है वो लूज है वो हो सकता है आप को, मै लेके आता हू “मैने ऑफव्हाईट कलर कि ट्रान्सपर्यंत साडी पेहनी थी, बारिश के वजहसे मेरे उरोज तो उभर रहे थे .
मैने कहा “ठीक है” उसने शर्ट लाया. उधर हि खडा था. मै उसको पीठ दिखा के थोडी टेडी खडी हो के ब्लॉऊस के बटन निकालाने लगी, वो जाने निकला.
मैने कहा “इधर हि रुक जा”
अब मैने पूरा ब्लॉऊस और ब्रा निकाल के जमीन पे फेका, शर्ट पेहेना बटन लगाना सुरू किया लोकीन मेरे उरोज इतने बडे के बटन ठीक से लग नही रहे थे. उपर शर्ट नीचे (साया) पेटीकोट वो भी गिला, मेरी पैंटी (निकर) वोभी गिली.
मैने उसे सामने खडे हो के कहा
“बेटे. अब मै नीचे क्या पेहनू?”
वो वैसे हि खडा था, मै थोडी स्ट्रीट हू, वो डर गया, किचन का लाईट चालू था हलकासा उजाला आ रहा था. हम दोनो एक दुसरेको देख सकते थे थोडे थोडे, रूम मे थोडा अंधेरा था. मैने उस्के तरफ देखा और उस्के तने हुए टोटो को जो लुंगी मे था लेकीने लुंगी के बाहर आने कि कोशिश मे था.
मैने मेरा हाथ अचानक उस्के लुंगी कि और लिया और उसकी लुंगी खिची.
वो अचानक डर गया और शरमाया और उसने अपने दोनो हाथ अपने टोटो पे लिये. और उसें छुपानेकी कोशिश करने लगा. मैने उसकी लूंगी अपने कमर पे लपेटना सुरू किया. लपेटते वक्त मै उस्के तरफ देख रही थी. मैने मेरा पेटीकोट निकाला अंडर कि पैंटी निकाली.
और मै उस्के सामने खडी रेह के जोर से बोली
“बेटे, ये क्या है? ये क्या कर राहा था तू, बेड पे तीन तकीये के साथ क्या कर राहा था तू ?”
वो डर के बोला “हुंम मीमी.. मै कूच नाही कर राहा था अंम्मा”
मैने कहा “तू हस्तमैथुन कर राहा था ना?”
वो बोला “नही नही मैमैमै… कूच भी नही कर रहा अंम्मा”
उस्का टोटो (लंड) अभि भी तना हुआ था, और वो डर के मारे थर थर काप राहा था
मैने बोला “बेटे… जा बेड पे और मुझे दिखा कैसे कर राहा था हस्तमैथुन”
उसने कहा “नही अंम्मा, मै नही”
मैने कहा चिला के “जा बोला ना”
वो बेड पे चढ गया तकीयोपे उलटा सो के अपनी कमर हिलाने लगा. झटके देने लगा.
मै उस्के सामने हि खडी थी मेरे उरोज भर के आये थे, मेरे बदंन मे आग होने लगी थी हवस कि वासना कि. उसें और उत्तेजित करने के लिये मैने हलकीसी मैने पेहनी हुई लुंगी उपर कि, उस्का स्पीड बढ हा था.
मै वैसे हि उसकी तरफ वासना कि नजर से देख राही थी. वो अपनी कमर जोर जोर से आगे पिछे तकिये पे घिस रहा था और मेरी तरफ वासना कि नजर से देख राहा था. ऐसे २० मिनिट हो गये. फीर भी वो आपना टोटो तकिये को घिस राहा था. अब मुझे रहा नही गया.
मैने बोला “बस !!!! रूक जा”. फिर भी वो घिस रहा था.
मैने चिलाके बोला “बेटे अब बस बोला ना”
वो अब मेरे सामने खडा होगया. उस्का टोटो तो राक्षस जैसा तना हुआ था. मै उस्के नसदीक गई उस्का टोटो हाथ मे लिया और उसे सेहलाने लगी और उस्के होठो का चुंबन लिया.
मुझेभी थोडा उंचा होना पडा. मेरी उंची ५ फीट चार इंच और उसकी ६ फीट दो इंच है. वो अभी भी थर थर काप रहा था.
मै उस्के टोटो को पकड के हिलाने सहेलाने लगी.
मैने कहा “बेटे, तू इतना थर थर काप क्यो राहा है? डर मत बेटे, अब हम जल्दी हि एकरूप हो जायेंगे”
उसने अपना हाथ मेरे नितंभो (गांड) पे रखा और मुझे उपर लिया. हम दोनो एकदुसरे का चुंबन लेने लगे. उस्का कापना भी रुक गया. उसने मुझे घुमाया, अब मेरी पीठ नितंभ (गांड) उके तरफ थी लोकींन वो कुछ भी नही कर रहा था. उसने मुझे घर के रूम के कोने मी लिया लेकिन कुछ नही कर रहा था खाली उसने अपने हाथ मेरे नितंभो पे घुमा रहा था और एक हाथ मेरे शर्ट मे डाल के मेरे उरोज दाबा रहा था.मेरे नितंभ के बेरो को सेहेला रहा था. अब मुझे रहा नही गया मैने शर्ट का बटन निकालाने लगी तभि उसने मेरा हाथ पकडा.
मैने कहा “बेटे क्या तू मेरे बबले नही देख ना चाहता? तू मरे बडे बडे स्तनो को नही देख ना चाहता? क्या तू मुझे नंगी नही देख ना चाहता?”
उसने कहा “नही अंम्मा, बाद मे”
अब उसने मेरी लुंगी उपर कि..वो तो नंगा हि था..और आपना टोटो से मेरी नितंभ (गांड) को सेहलाने लगा. उसने उस्के टोटो का सुपारा मरे नितंभो के होल पे रखा….
मैने कहा “बेटा तेरा टोटो तो बडा हि मोटा और लंबा है”
उसने हलके से मेरे उरोज दबाये मै चिलाई “आऊच !!! जरा धीरे बेटा”
उसके लंड का गरम स्पर्श मुझे मेहसूस हो रहा था.
मैने कहा “बेटे चल अब बेड पर”
उसने कहा “नही अंम्मा बेड पे तो सब लोग करते है, हम बाथरूम मे करेंगे”
मैने कहा “लेकीन बेटे बाथरूम तो छोटा है, बारिश भी कभी भी हो सकती है, और खिडकी से पानी भी अंदर आ सकता है”.
उसने मेरे उरोज पे हाथ घुमते हुए कहा “तो क्या हुआ अंम्मा..”
वो अभि भी पिछे हि था. मुझे मेरे बदन पे काटे आ रहे थे, पेहले वो काप राहा था अब मै काप रही थी.
मैने कहा “ठीक है बेटा, लेकीन बाथरूम अगर गिला हुआ तो ऊस फरशी पे मुझे तकलीफ होगी”
उसने कहा “अंम्मा हम लोग अंदर गद्दी डालते है”
मैने कहा “ठीके है! तू गद्दी अंदर दाल और अपने आप को फ्री कर के आ”
उसने कहा “ठीक है अंम्मा, लेकीन आप नंगी मत होना”
मैने कहा “ठीक है बेटे”
मुझे चुम के उसने गद्दी डाली और आपने आप को फ्री करने गया.
हमारा बाथरूम छोटा था, ४ फीट 5 इंच फिट और ३ फीट ५ इंच मेरी उंची ५ फिट ४ इंच उंची और तो ६ फीट २इंच उंची, मालूम नही कैसा होगा. लेकीन मैने सोचा देख ते है मजा आये गा अलग.
मैने बाथरूम का सब सामान बाहर निकाला, नही तो वो हवा के वजह से गीर सकता था, बाथरूम मे गद्दी डाली थोडी फोल्ड करनी पडी वो कट टू कट थी. ऐसेही दरवाजा लगाया तो अंदर अंधेरा हो गया.
अब हम एक दुसरे के साम ने थे, बाथरूम मे अंधेरा था, हम ने खिडकी को जाली लगायी थी, एक बात अछि थी हमारा फ्लॅट पिछे कि तरफ टॉप फ्लॉवर पे ८वे माले पे था और पिछे खेती थी कोई दुसरी सोसायटी नही थी.
वो अब बाथरूम का दरवाजा बंद कर के बाथरूम मे आया. अब हम एक दुसरेके सामने खडे थे. उसने गदी कि फोल्ड ओपन कि और हम खडे हि थे. मैने उस्का टोटो हाथ मे लिया और सेहलाने लगी.
मैने कहा “बेटे कितना बडा है रे तेरा, मेरे दोनो मूठ मे भी नही समा राहा है. उसने आपने हाथ मेरे शर्ट मे डाले और मेरे थानो को दबाने लागा और चुचीयो से खेलने लगा और मै उस्के टोटो से खेल ने लगी.
हम लोग अब एकदुसरे को चुमने लगे. होटो को होट और जीभ मे जीभ दालने लगे. ऐसे काफी समय तक चला. अब उसने मुझे नीचे बिथाया, हम गड्डी पे लेट गये. हमारे पैर समा नही रहे थे हम थोडे टेडे हो गये. उसने मुझे फीर से चुमा और अपनी उंगली मेरे बुर चुत मे डाली सेहलाने लगा. मेरी बुर पानी छोड रही थी. उसने टॉर्च और घडी ली थी ११ बज कर २० बजे थे. १० बज कर ३० मिनिट को मैं आयी तबसे उस्का टोटो तना हुआ था. बलके उके पेहेले से हि वो हस्तमैथुन कर राहा था.
मैने ऐसे हि असे पूछा “बेटे, एक बार तो दिखा तेरा”
उसने टॉर्च लगाया और बाजू मे रखा. उस्का लंड ८ईंच का हुआ था.
मैने पूछा “बेटे, ये कितना होगा?”
उसने कहा”अम्मा, आप हि गिनो”
उसने टेप दि, ८ इंच तक लंबा और 3 पॉइंट ७ इतना जाडा मोटा था.
मैने कहा “बेटे !!! कैसा होगा मेरे बुर मे इतना लंबा??, और कब से तना हुआ है”
उसने कहा” “अंम्मा, मै आप से रातभर कर सकता हू, रात भर आप के अंदर रेहसकता है”
…और मेरा ऐसे भी बडा होता है” मैने कहा “वो कैसे?”
उसने कहा “वो मुझे कैसे मालूम” फिर मैने कहा “फिर भी बेटे, कितना मुझे भी तयार होना पडेगा ना” उसने काहा “अम्मा १२ईंच तक..११ पॉइंट 5 ईंच तक कूच”मैने कहा” बापरे!!”
तो अभि बैठ गया..उसने मुझे चुंमा और कहा “लोगी क्या” मैने कहा
“हुम!” और एक सास ली.
उसने कहा “आप भी सॉलिड हो अम्मा, ……..i love you मै हमेशा आप के नाम से हि मूठ मार के हीलाता हू. आपकी गांड तो सॉलिड है मस्त बूब्स है और कमर तो नाभी … साडी मे हो आप कयामत द्खती हो …. .i love you” मै ने कहा “बेटे बस बस … और कितनी तारीफ करोगे … मै दे तो रहि हू तुझे” और मेरे मु मे मु डाला…मैने कहा “बेटे अब करो मेरी बुर का उदघाटन …अपने टोटो से …मैभी काफी महिनो के बाद कर ने वली हू. थोडा धीरे धीरे …नही तो मेरी बुर फट जायेगी” उसने काहा “अंम्मा रोको जरा !!” फीर मै लेट गयी बाथरूम छोटा था मेरे पैर समा नही रहे थे.. और मैने कमर के नीचे एक तकिया रखा.
वो अब मेरे दो पैरो के बीच मे आया. मै अभि भी लुंगी पे हि थी जो उसने मुझे दि थी. और चढ गया मेरे उपर. मैने टॉर्च ऑन कर के देखा १२ बज कर १५ बजे थे. उस्का टोटो (लिंग) मैने हाथ मे लिया और मेरे बुर पे रखा. उसने झटका दिया “औच!!!” मै चिलाई. उसने झटके देना चालू किया. और मै वो सहन कर ने लगी” पकपकपक…
मै कुथ रही थी “आ…..आ…..आ…..आ…..आ…..आ….धीरे बेटा धीरे आ…..आ…..आ…..आ…..!! एक तराफा वो झटके दे राहा था और दुसरी तरफ मेरे मु मे मु दालने कि कोशिश कर राहा था. उके झट के बढ रहे थे ….पकपकपकपक…
मेरे बुर से पानी तपक ना चालू हो गया था ….बुर पूर गिली हो गयी थी.
पकपकपक….पकपकपक… अब थोडा रुक गया और झोर दार झटका दिया. मै चिलाई “अअअअअअ….” और मेरे दोनो पैर और सुकेड लिये. मेरे पैर फैलके दिवार पे लिये… उसकी उंची ६ फीट 2 थी वो भी बाथरूम मी समा नही राहा था, उसने भी अपने पै दिवार पे लिये और फिर से जोर से ठोका.. मै चिल्लाई ” आआआआआआ……” अब मैने हाथ नीचे लिया और उके टोटो को हात लगा के देखा अभि तक तो ६ इंच तक हि गया था. अब और मुझे ठोकने लगा. और तेज तेज हि ठोक रहा था. उसने एक जोर से झटका दिया मैं चिलाई “ऊऊऊऊ…आआआआ ” मै चिला रही थी लेकीन मुझे मजा भी आ राहा था. ११ पॉइंट ५ इंच लंबा. ३ पॉईंट ७ का मोटा उस्का टोटो मेरे मे घूस राहा था. मै भी मेरे नितंभ (खुल्हे) हिला हिला के उस्का साथ दे राही थी. ठोकते वक्त उसने कहा “अंम्मा क्या मै तुझे नाम से पुकारू क्या?” मैने कहा “ठीक है सुश बोला तो भी चले गा, और मै तुम्हे पती जैसे रिस्पेक्ट मी आप जी कहूँगी”….और वो मेरे चढ गया.
वो बोलते वक्त थक गया था. उसने कहा “लेकीन मुझे तेरा ये नाम अच्छा नही लगा. मुझे कुछ सेक्सी नाम दे ना है आप को अंम्मा” उके ठोके बडते जारे थे. उस्का बदन मेरे बदन को घिस राहा था, उसकी छाती मेरे उरोज को घिस रही थी. पेट को पेट घिस रहा था. अभ हम दोनो एक दुसरे को प्रतिसाथ दे रहे थे. मै भी मेरे कुल्हे हिला हिला के उस्का साथ दे रही थी. उसने कहा “बोल ना अंम्मा क्या नाम रखू तुम्हे?” मैने कहा “आआ… उऊऊ… आआआ.. बेटे तुम मुझे योनी बोला करो…जैसे योगिता वैसे … योनीता … तो तू मुझे योनी बोला करो” वो और भी उतेजीत हुआ … मेरे उरोज दाबाने लगा काटने लगा…अब वो ऊस सीमा पे था… उसने कहा “यौनी तू क्या मस्त हॉट है…आआआ अब मेरा पानि निकालाने वाला है “उस्का टोटो काफी अंदर गया था, मै भी कुल्हे हिला रही थी, बदन से बदन घिस राहा था, मेरे उरोज बुरी तरह उस्के छाती को घिस रहे थे..मैने काहा “घूस रे बेटे घूस… और घुसा तेरा देख अब मेरी योनी भी तुझे साथ दे रही है वोभी गिली हो गयी है….आपने दोनो का मिलन होने दे … मेरी योनी और तेरा टोटो का मिलन होने दे. देखो ना मेरी योनी…पचाक..पचाक..कैसे आवाज कर रही है… डाल बेटा.. घूस तेरा टोटो और डाल तेरा चीक मेरे बुर मे” उसने भी कहा “हा योनी डालता हू घुसाता हू मेरा टोटो … हा चुदक्कड डालता हू पुरा चीक अंदर….तू मुझे एक प्रॉमिस कर …आज रात मेरा टोटो तू रात भर तेरे चुत मे रखेगी” मैने भी कहा “आआआ… हा ये नाम भी अच्छा है … बेटे मै तुझे प्रॉमिस करती हू…तेरा टोटो मै रात भर मेरे चुत मे रखूंगी… आज होने दे इन का मिलन” उसने अब एक हि जोर से झटका दिया और मगरमच्छ जैसे मुझे आपनि बाहो मे लपेट लिया.
मै भी जोर से चिलाई “आआआ …आऊच” उसने मेरे जि-स्पॉट कि तृप्ती कि थी. उस्के टोटो से भर भर के चीक मेरे चुत मे जा रहा था… मेरी योनी तृप्त हो रही थी..वो भी पानी फेक रही थी उस्का चीक और मेरा पानी उनका मिलन हो रहा था.. उस्का पेट हलके से झटके दे रहा था और मेरा भी. मै उस्का आनंद ले रही थी. बाहर बिजली और बारिश की आवाज आ रही थी. बारिश का पानी अंदर आ राहा था बारिश कब चालू हुई ये हमे समझा भी नही.. हम दोनो मे सेक्स कि बारिश जो चल रही थी. मै ने टॉर्च ऑन किया..उस्के आखरी ठोके के बाद मैने टॉर्च लगाया …मैने देखा ऐसे हि घडी मे १ बज कर १५ मिनिट बजे थे. उसने मुझे १२ बजे चोदना चालू किया और ठोके के उपर ठोक रहा था और मै भी वो झेल रही थी. वो पौना घंटा मुझे सेक्स कर रहा था … बलके हम एक दुसरे से सेक्स कर रहे थे. बारिश का पानी खिडकी से आने के कारन हमारी गद्दी गिली हो गयी थी और हम लोग भी गिले हो गये थे. लेकिन आज हमने प्रॉमिस किया था रातभर उस्का टोटो और मेरी चुत अलग नही होंगे… रात भर उस्का टोटो मेरे चुत मे रहेगा”
अब वो मेरे उपर हि था. उसका टोटो मेरे योनी मी हि था. बीच बीच मे वो हिल ता था … हम फिर से बीच बीच मी सेक्स चोद रहे थे. घडी कि ओर ध्यान गया ३ बज ३० मिनिट बजे थे. हर आधे घंटे मे वो मुझे चोद राहा था. अब तक चार बार चोद चुका था. उसकी एनर्जी सॉलिड थी. वो हलका सा पीछे गया उस्का टोटो भी पीछे गया. मैने काहा “क्या हुआ??” उसने कहा “३ बज ३० मिनिट बजे है तुझे कोई तकलीफ नही हुयी??” मैने कहा “बेटा हुवा रे लोकींन ठीक है वो भी एक मजा है और उसमे भी आनंद है.. अरे कहा जा रेहे हो? हंम ने प्रॉमिस किया था रातभर तेरा टोटो मेरे बुर मे होगा…भूल गया क्या?? अभी भी तेरा टोटो कडक है “उसने कहा” हा लेकिन..”
मैने काह “लेकिन क्या? जैसे तेरा टोटो रातभर कडक खडा रेह सकता है वैसे हि मेरी भी बुर चुत रातभर
टाइट रेह सकती है”.. उसने कहा
“ऐसा क्या??” मैने कहा “फिर देख कोशिश करके” उसने अपना टोटो निकाल ने कि कोशिश कि लेकिन वो बुरी तरह से मेरे बुर मे अटका था… बलके मेरी बुर चुत ने उस्का टोटो पकड के रखा था. मै हस के बोली “आजा मेरे बेटे लेट जा, तेरा टोटो नही निकल ने वाला मेरे चुत से…तुझे मुझे अर्ली मॉर्निंग कि नींद जिसे शक्कर कि निंद बोलते है उसमे नही चोद ना है क्या… आजा रे लेट जा ?”
वो फिर से मेरे बदन पे लेट गया…
मेरे कान मे कहा “मुझे मुतना है”
मैने भी कहा “बस इतना हि.. आ मेरे बेटे फिर मुतना मेरी बुर मे. तू थोडा ढिला हो जा और मूत.. चल हम दोनो साथ मे मुतते है” और हम दोनो मुते.. उस्का टोटो खीस्सके बाहर आया मेरे मूत के फ़वारेसे.. उसने तुरंत हि मेरे बुर मे घुसड दिया. और हम वैसे हि पडे रहे.
वो बोर नही होना चाहिये इसलिये और उस्का इंटरेस्ट रेहना चाहीये इसलिये मैने असे कहा
“बेटा वो मुसिक सिस्टिम कहा है लाया क्या वो ?” उसने कहा “ये क्या” मैने कहा “बेटा लगा फीर कोई सेक्सी कामुक मुसिक “उसने एक इंग्लिश सॉफ्ट सॉंग लगाया उसमे बिट्स थे और एक कामुक औरत कुथ रही थी. मैने भी अब ऊस ताल मे मेरे पिचेस चुतड हिलाना चालू किया. गोल गोल हलके से घुमा राही थी आगे पीछे कर रही थी. वो भी उसी ताल मे आगे पीछे कर राहा था और सॉफ्ट ठोके दे रहा था.. मै जैसी मेरी चुतड कमर हिला रही थी वो भी वैसे हि अपनी कमर हिलाकें ठोके दे रहा था. धीरे धीरे हम सो गये. अचानक मुझे एक झटका लगा एक ठोका लगा मैने जान लिया अब फीर से होगा. मैने टॉर्च ऑन किया ५ बज कर १५ मिनिट बजे थे सुबह के. हमने पोज चेंज कि अब वो दीवार को लेट के बैठा था और मै उस्के टोटो के उपर कामसूत्र के कमलासन कि पोस मे उस्के टोटो पे कुद ना सुरू किया और उसने नीचे से मेरे चुतड उठाके नीचे से ठोक जोर जोर से ने लागा. मेरे स्तनो चुस ने ने लगा और काट ने लगा जोर जोर से दाबाके मसलने लगा. मै चिला रही थी “आआआआ…” उस्का स्पीड बढ राहा था उसने जोर से मिठी मारा और पना पानि अंदर मेरे योनी मे छोड दिया और मेरा भी पाणी अंदर छूट गया. फीर हम लोग वैसे हि पडे रहे.
जब निंद खुली सुभ के १० बज कर १५ मिनिट बजे थे बाथरूम पुरा गिला था चद्दर गद्दी रातभर गिरनेवाले बारिश के कारन खिडकीसे अंदर आनेवाले पानि के वजह से सब कुछ गिला था. मेरा बेटा और मै भी गिले थे बारिश के पानी के कारन और वासनेसे जो रातभर हंम दोनो के बीच चली. हमदोनो साथ मे मुते थे इसलिये बारिश का पानी और हमारा मूत भी एक हि हुआ था…फीर से उसने मुझे चोदा.
अब हमने अलग होने का विचार किया. मै अभि भी शर्ट मे जो उसने मुझे दिया और लुंगी पे थी ..वो अभि भी रातभर नंगा था. वैसे भी लुंगी क्या और शर्ट क्या वो खाली नाम केलीये था.
मैने बोला “बेटे रुक जा जल्दी मत करना “
मैने धीरे धीरे मेरे बुर को लूज किया और कहा
“हा अब निकाल धिरे धीरे अपना… अअअअ धीरे धीरे..” उस्का टोटो अब बाहर आ रहा था पुरा पानी और चीक से भरा हुआ. मेरी योनी भी पुरी पानी और चीक से भरी थी. उस्का लिंग बाहर आया फिर भी ८ईंच तक था…मेरे मु से आवाज आयी “उच्चच जरा धीरे प्लिज” ओ अभि भी उसका टोटो निकाल ही रहा जैसे कुत्तो का अटकता है एकदुसरे मे वैसे ही उसका भी मेरे बुर मे अटका था ओ निकलते वक्त उसें भी दर्द और मुझे भी दर्द हो रहा था. आखीर मे काफी प्रयास के कारन ओ उसका टोटो अटक अटक के बाहर निकला.
हम ने एक दूर को चूमा उसने बोला “I Love You योनी”
मैने कहा “I Love You बेटा”