हेलो फॅमिली मेंबर्ज़. उमीद है आप सब ख़ैरियत से होंगे. मैं हू आपका फ्रेंड फ़राज़ कराची से, और मेरी आगे 30 है. मैं आज लाया हू आपके लिए अपनी स्टोरी का दूसरा पार्ट.
सो लड़कों अपना लंड हाथ में पकड़ लो, और लड़कियों अपनी उंगली अपनी छूट में डाल लो. क्यूंकी इस स्टोरी में आपको आने वाला है जन्नत का मज़ा.
तो जैसा की आप ने पिछली स्टोरी में पढ़ा, की कैसे मैने अपनी स्टूडेंट सहर को सिड्यूस करा और उसको जी भर की छोड़ा और उसने प्रॉमिस भी करा की वो अपनी फ्रेंड शुमैला को भी ले आएगी अगली बार मेरे साथ चुदाई की लिए. तो अब आयेज की स्टोरी.
सहर रोज़ की तरह मेरे पास आ रही थी पढ़ने के लिए, और हमे जब भी मौका मिलता, हम एक-दूसरे को हग और किस करते रहते थे. लेकिन अब मेरी बेचैनी बढ़ती जेया रही थी, और अब मैं वेट में था की कब सहर शुमैला को अपने साथ लाएगी. फिर 2 महीने बाद वो दिन आ ही गया.
जब सहर के घर में कोई इवेंट चल रहा था, और उसकी सभी फ्रेंड्स भी उसमे इन्वाइटेड थी. उसी इवेंट में उसने मेरा इंट्रो शुमैला से कराया. अफ, क्या मलाई लड़की थी वो, एक-दूं वाइट. छ्होटा सा कद, भरा-भरा बदन, गांद उभर के बाहर आई हुई.
उसको देख कर कोई कह नही सकता था की ये लड़की 1स्ट्रीट एअर की थी. फुल माल फिगर था उसका 36-34-38 का. उसको देख कर ही दिल कर रहा था की दबा के छोड़ू. लेकिन सब के होने की वजह से कंट्रोल करना पड़ा.
सहर ने मेरा इंट्रो सभी फ्रेंड्स से कराया, और सभी मुझसे मिल के बहुत खुश थे. और उस दिन की क्लास सब ने मेरे साथ ही अटेंड करी. सब ने बहुत दिल लगा की पढ़ा. खैर दिन ऐसे ही ख़तम हो गये.
कुछ दीनो बाद मेरे पास शुमैला की अम्मी की कॉल आती है, की क्या मैं उसको उसके घर जाके पढ़ा सकता हू. लेकिन टाइमिंग क्लॅश की वजह से मुझे डिनाइ करना पड़ा.
उस दिन जब मैं सहर को पढ़ने गया तो उसकी मों ने रिक्वेस्ट करी मुझसे की मैं प्लीज़ उसको पढ़ा डू. और सहर को भी वही ले-जाके पढ़ौ. और वापसी में ड्रॉप कर डू. अब अंधे को क्या चाहिए, 2 आँखें, और मुझे तो 2-2 छूट मिल रही थी. तो मैं भला कैसे माना कर देता. ऐसे स्टार्ट हुई हमारी नयी सेक्स लाइफ.
फिर मैने सहर को अपने साथ बिता की शुमैला की घर ले-जेया कर पढ़ना स्टार्ट कर दिया. शुमैला का घर 2 मंज़िला था. फर्स्ट फ्लोर पर उसकी मों और दाद रहते थे. सेकेंड फ्लोर पर शुमैला का रूम था, और हम आराम से शुमैला के रूम में पढ़ाई करते थे.
साथ-साथ हम किस्सिंग आंड बूब सकिंग भी करते थे. शुमैला ने काई बार वही बैठ के मेरा लंड भी चूसा था. रंडी क्या मस्त लंड चूस्टी थी, अलग ही मज़ा था उसके चूसने में. पूरा लंड हलाक तक ले-जाके उसका ज़ुबान घूमना लंड पर तंन में आग लगा देता था.
अब हमे तलाश थी ऐसे मौके की, जब उसकी मों उसको छ्चोढ़ कर अकेले जाए, और हम पूरी कारवाई डाल सके. 4 महीने के फोरप्ले के बाद आख़िर हमे वो मौका मिल ही गया, जब शुमैला की डोर की खाला का आक्सिडेंट हो गया, और उनको अर्जेंट में उनसे मिलने की लिए मीरपुर खास जाना पड़ा.
अब वो नेक्स्ट दे से पहले नही आने वाली थी. शुमैला ने ये खबर मुझे और सहर दोनो को दे दी. तो उस दिन हम थे जशन के मूड में. मैं और सहर पहुँचे चॉक्लेट, पिज़्ज़ा, तिक्का आंड क्रीम स्प्रे लेके, और पार्टी स्टार्ट करी.
1 अवर की एंजाय्मेंट के बाद मैने सहर को अपने पास करके उसके गुलाबी होंठ चूसने स्टार्ट करे, और एक हाथ से उसके बूब दबाना स्टार्ट करा. दूसरी तरफ शुमैला ने भी मेरे पैरों के बीच फिट होके मेरा लंड चूसना स्टार्ट कर दिया. क्या बतौन फ्रेंड्स क्या मज़ा आ रहा था.
ऐसे ही चूसाम-चुसाई में हम लोग कब पुर नंगे हो गये पता ही नही चला. और अब मैं सहर के बूब्स चूस रहा था, और दूसरे हाथ से उसके निपल्स मसल रहा था. वही शुमैला मेरा लंड चूस रही थी, और साथ-साथ सहर की छूट में उंगली करे जेया रही थी.
5 मिनिट की करवाई की बाद सहर तक गयी, और वो वही साइड में लेट गयी. अब शुमैला को मैने बेड पर लिटा लिया, और उसके उपर आ कर उसके होंठ चूसना स्टार्ट कर दिया. साथ-साथ उसकी छूट में उंगली करना शुरू कर दिया.
वो भी अपनी ज़ुबान से मेरी ज़ुबान लड़ा रही थी, और मेरे लंड को मसल-मसल के हिला रही थी. 6 से 7 मिनिट के सेशन के बाद हम दोनो साथ झाड़ गये, और लेट गये.
इस बार जो हुआ, वो मेरे ख्वाबो की तबीर थी. मैं आँखें बंद करके लेता ही था, की मुझे अपने लंड पर शुमैला के होंठ महसूस हुए. लेकिन इस बार कुछ अलग था. शुमैला वाला मज़ा नही आ रहा था.
मैने आँख खोल के देखा तो उफफफफ्फ़ ये तो मेरी रंडी सहर थी. उसके अंदर शुमैला को देख-देख कर लंड चूसने की चाहत जाग उठी थी, और ये देख मैने शुमैला को थॅंक्स कहा. मैने फिरसे उसके निपल चूसने स्टार्ट कर दिए.
फिर थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया, और अब मैने सहर को शुमैला पर लिटा कर, लंड सहर की छूट में डाल कर झटके मारने स्टार्ट कर दिए, और वो दोनो रंडिया आपस में किस्सिंग और बूब सकिंग करने लग गयी.
हर 10 झटको की बाद मैं लंड एक छूट से निकाल कर दूसरी छूट में डाल रहा
था. क्या बतौन फ्रेंड्स क्या फीलिंग थी. करीब 8 मिनिट की चुदाई के बाद सहर का पानी
छूट गया, और वो साइड पर होके शुमैला के बूब्स चूसने लग गयी. वही मैं शुमैला की ताबाद-तोड़ चुदाई कर रहा था.
20 मिनिट की चुदाई की बाद मैने शुमैला के पेट पर अपना माल निकाल
दिया, जिसको वो हाथ में लेकर चाट कर खा गयी, और मैने उसके दूसरे बूब को चूसना स्टार्ट कर दिया. फिर 20 मिनिट के आराम के बाद शुमैला ने वापस पोज़िशन में आके फिरसे मेरा लंड चूसना स्टार्ट कर दिया.
इस बार सहर रंडी अपनी गीली छूट मेरे मूह पर रख देती है, जिसको मैं कुत्ते की तरह चाट कर सॉफ कर देता हू. वो आहें भर कर मज़े लेती रहती है.
थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिरसे खड़ा हो जाता है. तो इस बार मैं सहर को अपनी गोद में बिता कर कोबाय स्टाइल में उसकी चुदाई स्टार्ट कर देता हू, और शुमैला उपर आ कर हम दोनो के साथ किस्सिंग करती और ज़बान की लड़ाई करती है.
10 मिनिट की डुमदार चुदाई की बाद सहर एक बार फिरसे डिसचार्ज हो जाती है, और इस बार वो बाइ बोल कर बेड पर जेया के लेट जाती है. हम दोनो
उसको देख के हस्स देते है, और किस्सिंग स्टार्ट करके शुमैला मेरी गोद में बैठ कर उछालना स्टार्ट कर देती है.
उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था. दूध सी लड़की, और हर झटके के साथ उसके सफेद उछलते दूध. मैं चुदाई के साथ-साथ उसके माममे भी मसल रहा था. करीब 5 मिनिट के बाद मैने उसको कुटिया बना दिया, और लंड पीछे से उसकी छूट में डाल कर शॉट मारने लगा.
क्या सॉफ्ट फीलिंग थी, जब लंड उसकी सॉफ्ट गांद को फाड़ कर उसकी छूट में जेया रहा था. मैने स्पीड तेज़ कर दी चुदाई की, और हर झटके के साथ उसकी चीख निकल रही थी. मैने उसको पूछा की उसकी गांद इतनी बड़ी कैसे थी.
तो उसने बताया की उसका कज़िन भाई था जो शादी से पहले उसको छोड़ता था. उसी की मेहरबानी थी ये सब. बस ये सुनना था, और मैने लंड छूट से बाहर निकाल दिया.
वो पलट की देख रही थी भीगी बिल्ली की तरह की मैं क्यूँ रुक गया. फिर इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, मैने ज़ोरदार झटके से पूरा लंड उसकी गांद में घुसा
डाला. उसकी चीख आसमान तक पहुँची, पर अफ़सोस किसी ने ना सुनी, और मैने तेज़-तेज़ झटको से उसकी गांद चुदाई स्टार्ट कर दी.
5 मिनिट की डॉगी स्टाइल के बाद मैने उसको बेड पर लिटा दिया, और उसकी छूट के नीचे एक तकिया सेट कर दिया, जिससे उसकी गांद उठ कर और सामने आ गयी. इसी पोज़ में मैने 10 मिनिट और चुदाई करी उसकी, और एंड में उसकी गांद में ही सारा पानी निकाल दिया.
पर वो खुश नही थी. मैने पूछा क्या हुआ, तो उसने कहा की वो डीसी नही हुई. मैने कहा कोई बात नही, और ये कह कर उसकी टांगे खोल कर अपनी ज़ुबान उसकी छूट में डाल के छोड़ना स्टार्ट कर दिया.
मैं ज़ुबान उसकी छूट की अंदर-बाहर कर रहा था. कभी बीते कर रहा था, कभी ज़ोर से चूस रहा था. 6 मिनिट की चटाई और चुसाई के बाद वो मेरे मूह पर डिसचार्ज हो गयी, और उसने मेरे मूह पर से अपना पानी चाट के सॉफ कर लिया. इसके बाद 1.5 साल तक जब भी हमे मौका मिला, हमने जी भर कर चुदाई करी. फिर उनके एग्ज़ॅम्स हो गये, और हमारी क्लासस और सेक्स सेशन एंड हो गये.
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी? इफ़ योउ एंजाय्ड इट, देन लेट मे नो अट
ये स्टोरी यही एंड होती है. अगर आपका रेस्पॉन्स अछा आया, तो नेक्स्ट स्टोरी में मैं बतौँगा की कैसे मैने नौकरानी को छोड़ा. तब तक के लिए बाइ.