मैं कोटा में रहता हूँ. एक भाभी अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए मेरे साथ वाले घर में रह रही थी. मेरी नजर उन दोनों माँ बेटी पर थी कि बस किसी तरह वो मेरे नीचे आ जायें और .
अन्तर्वासना के मेरे सभी पाठकों को मेरा प्रणाम, चूतधारिणियों को मेरा प्यारा सा स्नेह।
मेरा नाम समर प्रताप 24 साल का झारखंड से हूं पर फिलहाल राजस्थान के कोटा में रह रहा हूं।
मैं यहां आप सभी के बीच अपने जीवन की पहली घटना बताने जा रहा हूं। मेरी ये कहानी कोटा से शुरू होती है.
वैसे तो मैं बहुत ही डिसेंट सा दिखता हूं. पर हूं बड़ा ही हरामी किस्म का . चूत लेने के लिए कुछ भी कर सकता हूं।
मैं यहां पर पढ़ाई के लिए आया था पर अब यही छोटी मोटी नौकरी का गुजारा कर रहा हूं।
पर मुझे अब भी किसी चीज की कमी खल रही थी.
जी हां . सही समझे . चूत की।
मैं कोटा के जवाहर नगर में जिस जगह रहता था वहां पर बाहर से कई सारी औरतें अपने बच्चों के साथ रहा करती थी. उन्हीं में से एक थी नमिता जी . जो मेरी कहानी की नायिका है।
वो भोपाल के रहने वाली थी और यहां अपनी 19 वर्षीय कमसिन सी कली बेटी रावी के साथ यहां मेडिकल की तैयारी करवाने के लिए आयी हुई थी।
और मेरी नजर उन दोनों माँ बेटी पे थी कि बस किसी तरह वो मेरे नीचे आ जायें और मैं उनका सारा यौवन चूस लूं।
इसी तरह मैं उन पे डोरे डालने लगा. वो दोनों मेरे पड़ोस में ही रहती थी इसलिए मेरी उनसे मुलाकात अकसर छत पर होने लगी और हम एक दूसरे के तरफ मुस्कुराते!
ये छोटी छोटी मुलाक़ात धीरे धीरे दोस्ती में बदल गई। अब मैं और नमिता जी जब भी मिलते तो हंसी मजाक कॉमन हो गया था.
और इसी बहाने मैं भाभी के शरीर पर इधर उधर हाथ फेर लेता था.
पेट पर चिकौटी काटना मुझे बहुत ही भाता था. और वो भी तब जब वो साड़ी पहने तब तो क्या कहना।
हम दोनों की शैतानियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी. भाभी भी मेरे करीब आने लगी थी. और हो भी क्यों ना . एक 38 साल की औरत जो 6 महीने से अपने पति से दूर रह रही हो, उसका दूसरे मर्द के करीब आना लाजमी है।
एक बार हम दोनों साथ यहां सिटी माल घूमने गए. वहां वो मुझसे चिपक कर चल रही थी। मुझे भी अच्छा लग रहा था.
तभी हम दोनों एक दूसरे के तरफ देखने लगे. उसे क्या हुआ पता नहीं . उसने अचानक से मुझे पकड़ा और मेरे होंठों पे बहुत लंबा किस कर दिया.
वो तो भला हो जो वहां कोई नहीं था।
मैं बड़ा खुश था और भाभी बस मुझे देख मुस्कुराए जा रही थी। अब हम दोनों की बात वाट्स एप पे भी होने लगी और फिर हम सेक्स चैट भी करने लगे।
पर हमें तो एक दूसरे में समाना था।
एक रविवार को उसकी बेटी का टेस्ट था और वो उसके बाद दोस्तों के साथ फिल्म देखना चाहती थी.
तो वो चली गई . मतलब घर से 8 घंटे के लिए दूर।
हमारे पास काफी समय था क्यूंकि मेरी भी उस दिन छुट्टी था।
भाभी ने मुझे फोन करके अपने घर बुला लिया और कहने लगी- छत की तरफ से आना।
मुझे समझते देर ना लगी कि मेरा काम बन गया.
मुझे तो बस बुलाने की देरी थी . मैं तो कब से उसके लिए तैयार बैठा था। मैं जल्दी से टीशर्ट और परफ्यूम मार कर उसके यहां पहुंच गया।
वो मुझे देखते ही खुश हो गई और मुझे गले लगा लिया। वो मुझसे चिपकते जा रही थी.
फिर वो मुझसे छूटते हुए बोली- अरे मैंने तुमसे नाश्ता पानी पूछा ही नहीं . बोलो क्या खाओगे?
तो मैंने भी तपाक से कह दिया- तुम्हें.
भाभी ने गुस्से में कहा- कुछ ज्यादा शैतान हो गए हो तुम!
तो मैंने कहा- ठीक है, फिर मैं चलता हूं!
यह सुनने की देर थी कि वो दौड़ कर आई और मुझसे गले लग गई. उसकी आंखों में आँसू थे. मैंने उसे चूम लिया।
उसने कहा- तुम मुझे छोड़ कर कभी मत जाना।
कसम से यार . वो अपनी बीवी की जैसी महसूस हो रही थी मुझे उस पल।
वो कहती चली गई- अब तुम मुझे अपना बना लो . बहुत अपना।
भाभी ने उस वक़्त आसमानी साड़ी और भूरे रंग का बिल्कुल टाईट सेक्सी सा ब्लाउज पहन रखा था जिसमें वो काफी भा रही थी।
मैंने भी देर ना की, उसे गोद में उठा लिया और उसके होंठों पर किस करते हुए उसके बेडरूम में आ गया और उसपे लेट कर उसे स्मूच करने लगा. करीब 10 मिनट के स्मूच के दौरान ही मैंने उसके ब्लाउज को अलग कर दिया था।
मैं फिर भाभी के चूचे पीने लगा और एक हाथ से दबाने भी लगा। मैं एक हाथ सीधा भाभी की चूत पर ले जाकर साड़ी के ऊपर से रगड़ने लगा. वो मुझ में खोती चली जा रही थी और उसने भी अपनी पकड़ मुझ पे तेज बना ली थी।
फिर एक एक करने मैंने उसके और भी कपड़े उतार दिए. अब भाभी सिर्फ काले रंग की पैंटी में थी जो उसके रस से भीग गई थी। भाभी का शरीर उस वक़्त पूरा मादक लग रहा था।
मैं उसकी 36″ की चूचियां पीने लगा, पूरा चूस रगड़ कर लाल कर दिया कि वो पूरी हांफने लगी।
तभी मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूतत पर होंठ लगा दिये. उसके मुंह से जोर की आह्ह्हह्ह निकल गई.
मैंने फिर भाभी की पैंटी उतारी और उसका काम रस पीने लगा. वो जोर की आवाज निकालते हुए 5 मिनट बाद स्खलित हो गई और निढाल हो गई।
मैं भी उसके बगल में लेट गया।
भाभी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ नजर आ रहे थे।
फिर वो उठी और मुझे चूमते हुए धन्यवाद कहा और बोली- अब मेरी बारी है तुम्हें खुश करने की।
वो मेरे कपड़े मेरे शरीर के अंगों पर चूमते हुए निकालने लगी. और फिर जब उसने मेरे जानू को देखा जो कि 16 cm लंबा और 5 cm चौड़ा है, भाभी बोली- अरे, ये इतना बड़ा भी होता है क्या?
फिर वो मुस्कुरा के बोली- आज तो मज़ा आ जाएगा।
वो बोली- अच्छा है तुम यहां नीचे बाल नहीं रखते हो!
और मेरे छाती के बाल पर हाथ फिराने लगी और मेरे लोहे से लंड को अपने मुंह के अंदर तक चूसने लगी।
आज तक मैंने जिसे भी चोदा है इसके जैसे किसी ने मेरा लौड़ा नहीं चूसा। भाभी पूरे अंदर तक लेकर एकदम ब्लू फिल्मों की तरह चूस रही थी. मैं तो जैसे बस उसमें खोता चला जा रहा था।
फिर हम दोनों 69 के अवस्था में आ गए हम दोनों एक दूसरे के साथ खेल रहे थे. तभी मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली भी भाभी की चूत में डाल दी. वो थोड़ी उचकती हुई उसको झेल गई.
तभी हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए और वो मेरे पूरे वीर्य को पी गई।
फिर वो उसे लगातार चूसती रही. 2 मिनट में ही मेरा खड़ा हो गया तो उसने कहा- इतनी जल्दी?
तब मैंने बताया- मेरा लंड जल्दी थकता नहीं . और ज्यादा देर तक टिकता है।
तो भाभी ने कहा- अगर ऐसा है तो दिखाओ अपना दम।
मैं उसके ऊपर आ गया और उसे मेरे लन्ड को चूत में सेट करने बोला.
उसने वैसा ही किया।
मैंने आव देखा ना ताव . वासना की गर्मी से वशीभूत एक ही बार में पूरा लन्ड भाभी की चूत में डाल दिया. वो जोर से चीख उठी और मुझे ‘जालिम’ और गंदी गंदी गालियां देने लगी.
तभी मैंने भाभी के होंठ चूसने शुरू कर दिए।
मैं अब मज़े में धीरे धीरे नीचे धक्का लगाने लगा वो भी अब अपनी गांड उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
अब हम दोनों ने अपनी अपनी कमान सम्भाल ली और धकाधक वाली चुदाई शुरू हो गई. भाभी दर्द से मज़े में ‘आह्हह आह्ह ऊ उह उहआह उहहह हहह ऐऐऐहह हम्मम’ करके आवाजें निकाले जा रही थी।
मैं भी ऐसी आवाजें सुनकर बस चोदते हुए खोए जा रहा था.
भाभी मुझे और तेजी से चोदने को कहने लगी।
तभी वो एक बार और झड़ गई. पर अब भी वो मज़े में आवाजें निकाल रही थी। मैं भी मज़े से चोदते जा रहा था।
इसी तरह 20 मिनट चोदते चोदते वो दो बार और झड़ गई पर मैं तो अब भी वैसे ही जोश में था।
भाभी थक के पसीने से चूर होते हुए मुझे बोलने लगी- तुम जानवर हो . अब भी वैसे ही खड़े हो।
तो मैंने कहा- जब ऐसी चूत सामने हो तो मेरा लौड़ा कैसे थक सकता है।
वो बोली- मुझे थोड़ी राहत चाहिए!
तो मैं उसकी बगल में लेटकर उसके मम्मे दबा के पीने लगा और एक हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा.
5 मिनट बाद वो वासनामयी आवाजें निकालने लगी. मैं समझ गया कि भाभी गरम हो गई है. तो मैंने उसे कुतिया बना दिया और कुत्ते की तरह पीछे से आकर भाभी की चूत में लन्ड पेल दिया और धड़ाम धड़ाम पेलने लगा।
वो फिर से आवाजें निकालने लगी।
कुछ देर बाद मैं उसके एक पैर को अपने कंधे पे रख कर पेलने लगा. इस अवस्था में बहुत ही ज्यादा मजा आता है क्यूंकि आप मम्मे पीते हुए बड़े ही जोश में किसी को चोद सकते हो. यह मेरी पसंदीदा अवस्था है और इसी अवस्था में चोदते-चोदते, चूमते चोदते और चीखते हुए हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.
और फिर मैं उसके नंगे जिस्म के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा।
पसीने से तरबतर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर हाँफ रहे थे। मेरा लन्ड अब भी उसके चूत में ही था।
और इसी तरह लिपट कर हम दोनों सो गए।
आधे घंटे बाद उठ कर हम दोनों बाथरूम पहुंचे और गर्म फ़व्वारा चला दिया और साथ में चिपक चिपक कर नहाने लगे.
तभी भाभी नीचे बैठ गई और मेरे जानू को चूसने लगी.
फिर कुछ मिनट के बाद भाभी वहीं लेट गई और मैं उसके ऊपर लेट गया और चोदने लगा। फिर हम खड़े हुए और उसे झुका के मैं ठोके जा रहा था. फिर उसी तरह भीगते हुए हम दोनों झड़ गए. फिर अच्छे से नहाए और दोनों बाहर आ गए।
अब हम दोनों वापस से एक साथ नंगे ही लेट गए और एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे।
फिर मैंने भाभी की गांड मारना चाही तो उसने अगली बार कहकर टाल दिया.
तो फिर से हम दोनों ने एक बार और जबरदस्त वाली चुदाई की अलग अलग तरीकों से . और मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया।
फिर हम दोनों कपड़े पहन तैयार हो गए।
इसी तरह मैंने भाभी के सहारे उसकी कई सारी सहेलियां को चोदा है जो यहां भाभी की तरह ही रह रही थी जिससे मुझे पैसे और मज़े दोनों मिल रहे थे।
वो कहानी फिर कभी जिसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैं जिगोलो बना।
आपका दोस्त फिर हाज़िर होगा. मेरी सेक्स की कहानी कैसी लगी? जरूर बतायें मुझे मेल करके और कमेन्ट करके!
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